कारीगर की हत्या कर शव खेत में फेंका
छापुर शेर अफगानपुर गांव निवासी कारीगर को शनिवार की शाम किसी ने घर से बुलाकर उसकी हत्या कर दी।
संवाद सूत्र, भगवानपुर: छापुर शेर अफगानपुर गांव निवासी कारीगर को शनिवार की शाम किसी ने घर से बुलाकर उसकी हत्या कर दी। रविवार की सुबह कारीगर का शव गांव के पास ही खेतों में मिला।
भगवानपुर थाना क्षेत्र के छापुर शेर अफगानपुर गांव निवासी सुखदर्शन भगवानपुर कस्बे में वेल्डिग खराद का कार्य करते थे। कस्बे में इंटर कॉलेज के पास उनकी दुकान है। शनिवार की शाम करीब सात बजे सुखदर्शन के मोबाइल पर किसी ने फोन करके बुलाया। इसके बाद वह किसी से मिलने की बात कहकर घर से निकल गए। रात करीब नौ बजे तक जब वह घर नहीं पहुंचे तो परिवार के लोगों ने मोबाइल पर फोन किया, लेकिन मोबाइल नंबर बंद आया। इसके बाद परिवार के लोगों ने तलाश शुरू कर दी। परिवार के लोग रात करीब एक बजे तक उनकी तलाश करते रहे, लेकिन कोई पता नहीं चला। पुलिस को भी मामले की जानकारी दी गई। रविवार सुबह जब कुछ ग्रामीण गांव के पास ही एक खेत के पास से निकले तो सुखदर्शन का शव पड़ा देखा। ग्रामीणों की सूचना पर परिवार के लोग और थाना पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस ने शव का निरीक्षण किया। कारीगर के चेहरे पर चोट का निशान मिला है। साथ ही कान से खून भी बहते हुए मिला। सुखदर्शन के बेटे धीरेंद्र ने पिता की हत्या की आशंका जताते हुए पुलिस को तहरीर दी है। परिवार के लोगों ने आशंका जताई है कि पूरी योजना के तहत हत्या की घटना को अंजाम दिया है। एसपी देहात स्वप्न किशोर सिंह ने बताया कि हर बिदु पर मामले की जांच की जा रही है। जांच के बाद शीघ्र ही हत्यारोपितों की धरपकड़ की जाएगी। कॉल डिटेल खोलेंगी हत्या का राज
भगवानपुर: पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। पुलिस ने कारीगर के मोबाइल की कॉल डिटेल खंगालनी शुरू कर दी है। शनिवार की शाम किसने उसे फोन कर बुलाया था। पुलिस उस व्यक्ति को चिह्नित करने में लगी है। पुलिस फोन करने वाले का नंबर ट्रेस कर उस तक पहुंचने का प्रयास करेगी। बाइक पर बैठाकर ले जाने वालों की भी तलाश
भगवानपुर: गांव में चर्चा है कि किसी ने पल्सर बाइक पर दो लोगों को देखा था। दोनों लोग सुख दर्शन को बाइक पर अपने साथ बैठाकर ले गए थे। यह दो लोग कौन थे। पुलिस इनकी भी तलाश कर रही है। आशंका जताई जा रही है कि दोनों लोगों ने फोन करके मिस्त्री को घर से बुलाया था और इसके बाद हत्या की घटना को अंजाम दिया। हत्या के पीछे सोची समझी योजना से भी इन्कार नहीं किया जा रहा।