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गंगा रक्षा को लेकर अनशनरत साध्वी पद्मावती को प्रशासन ने उठाया, दून अस्‍पताल में कराया भर्ती

प्रशासन ने गंगा रक्षा संबंधी मांगों को पूरा कराने के लिए अनशन कर रही मातृसदन की साध्वी पद्मावती को देर रात अनशनस्थल से उठवा दिया। उसे दून अस्पताल में भर्ती कराया है।

By Sunil NegiEdited By: Published: Fri, 31 Jan 2020 07:18 AM (IST)Updated: Fri, 31 Jan 2020 07:20 AM (IST)
गंगा रक्षा को लेकर अनशनरत साध्वी पद्मावती को प्रशासन ने उठाया, दून अस्‍पताल में कराया भर्ती
गंगा रक्षा को लेकर अनशनरत साध्वी पद्मावती को प्रशासन ने उठाया, दून अस्‍पताल में कराया भर्ती

हरिद्वार, जेएनएन। गंगा रक्षा संबंधी मांगों को पूरा कराने के लिए अनशन कर रही मातृसदन की साध्वी पद्मावती को देर रात जिला प्रशासन ने अनशनस्थल से उठवा दिया। साध्वी को दून अस्पताल भेजा जा रहा है। इस दौरान, साध्वी ने जबरन उठाने का विरोध किया और कहा कि शासन-प्रशासन सब मिले हुए हैं और वह इंसाफ नहीं करना चाहते। जीते जी तो मुझे इंसाफ नहीं मिल सका, लेकिन भारतवासियों मुझे मरने के बाद न्याय दिलाना।

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साध्वी पद्मावती पिछले 15 दिसंबर से मातृसदन आश्रम में अनशन पर बैठी हुई थी। इतने दिनों से अनशन के कारण साध्वी की हालत बिगड़ने लगी थी। साध्वी के स्वास्थ्य को लेकर चिंतित प्रशासनिक अधिकारी और सीएमओ देर शाम चिकित्सकों की टीम को लेकर दोबारा आश्रम पहुंचे, जहां परीक्षण में साध्वी के स्वास्थ्य में गिरावट पाए जाने पर उन्हें अस्पताल में भर्ती कराने का अनुरोध परमाध्यक्ष स्वामी शिवानंद सरस्वती से किया, लेकिन उन्होंने ठुकरा दिया। कहा जो भी इलाज हो, वह मातृसदन में ही किया जाएगा। साध्वी को भी नोटिस दिया गया, लेकिन उन्होंने अनशन तोड़ने से मना कर दिया।

जिला प्रशासन ने मातृसदन प्रबंधन के रुख को देखते हुए देर शाम से ही मातृसदन के बाहर घेरा डालना शुरू कर दिया। देर रात करीब 11 बजे एसडीएम कुश्म चौहान, सीएमओ डॉ. सरोज नैथानी, सीओ कनखल अभय कुमार, तहसीलदार आशीष घिल्डियाल और सुनैना राणा पुलिस बल के साथ मातृसदन पहुंचे। आननफानन साध्वी को अनशनस्थल से पुलिस ने उठा लिया और एंबुलेंस से देहरादून भेज दिया। हालांकि मातृसदन के लोगों ने इसका विरोध भी किया, लेकिन अधिकारियों ने किसी की नहीं सुनी। 

इससे पहले, देर शाम साध्वी को दो बार उल्टी भी हुई, जिस पर उन्हें उल्टी रोकने की दवा भी दी गई, लेकिन उनका स्वास्थ्य लगातार बिगड़ता जा रहा था।  एसडीएम और सीएमओ ने साध्वी के जीवन रक्षा के लिए उन्हें अस्पताल में भर्ती कराने के लिए परमाध्यक्ष स्वामी शिवानंद सरस्वती  से अनुरोध किया, लेकिन करीब एक घंटा चली वार्ता के बाद भी परमाध्यक्ष साध्वी को भर्ती कराने पर राजी नहीं हुए। उन्होंने कहा कि साध्वी को जो उपचार दिया जाना है, उसे मातृसदन आश्रम में ही दिया जाए। एसडीएम कुश्म चौहान ने बताया कि साध्वी पद्मावती का स्वास्थ्य लगातार बिगड़ता जा रहा था, और ऐसे में उनके स्वास्थ्य की रक्षा प्रशासन की पहली प्राथमिकता थी। साध्वी को उपचार के लिए दून अस्पताल भेजा जा रहा है।

प्रशासन को करनी पड़ी कड़ी मशक्कत 

प्रशासन को साध्वी को अनशन स्थल से उठाने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ी। प्रशासन की टीम रात को जब मातृसदन पहुंची तो साध्वी ने खुद को कमरे में बंद किया था। इस पर पुलिस ने दरवाजा तोड़कर साध्वी के कक्ष में प्रवेश किया। यहां पर साध्वी ने पुलिस टीम का जबदस्त विरोध किया। साध्वी पद्मावती का कहना था कि उसका स्वास्थ्य ठीक है तो फिर उसे जबरन क्यों अस्पताल ले जाना चाहते हो। कहा कि इससे पहले भी गंगा की रक्षा के लिए आंदोलन करने वाले संतों को अस्पताल पहुंचाकर मार दिया गया। क्या पुलिस अब उसे भी मरवाना चाहती है। इसके बाद पुलिसकर्मियों ने भारी विरोध के बीच साध्वी को उठाकर एंबुलैंस में बैठाया।

अब आत्मबोधानंद ने शुरू किया अनशन

साध्वी पद्मावती को उठाने के साथ ही मातृ सदन आश्रम के ब्रह्मचारी संत आत्मबोधानंद ने अपना अनशन शुरू कर दिया है। उनका कहना है कि प्रशासन की ओर से साध्वी को जबरन उठाया गया है। जिससे उन्हें जबरन कुछ खिला-पिला कर अनशन समाप्त करा दिया जाएगा। वह पहले ही घोषणा कर चुके थे कि साध्वी को उठाने पर वह अपना अनशन शुरू कर देंगे। जिससे उन्होंने अभी से गंगा रक्षा के लिए अपना अनशन शुरू कर दिया है। आत्मबोधानंद पहले भी 194 दिन का अनशन कर चुके हैं।

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स्वामी शिवानंद ने कहा, हाईकोर्ट जाउंगा 

मातृसदन के स्वामी शिवानंद ने कहा कि बीती रात से ही साध्वी पदमावती को उल्टियां हो रही थी। इस पर चिकित्सक से कहा तो दिन में उसको दवाइयां दे दी थी। चिकित्सकों ने दोपहर तीन बजे यह बात बतायी थी कि साध्वी पद्मावती को दवाएं दे दी है। अब शुक्रवार को देखेंगे कि उसकी तबीयत कैसी है। उसके आधार पर ही आगे की कार्रवाई की जाएगी। इसके बाद रात में करीब 11 बजे प्रशासन की टीम यहां पहुंची और साध्वी को जबरन उठाकर ले गए।

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उन्होंने कहा कि शुक्रवार को मैं नैनीताल हाईकोर्ट जाकर अपील करुंगा कि हम किस प्रकार से विरोध करें। उन्होंने स्पष्ट किया कि मातृसदन का अनशन इस बार मांग पूरी होने तक जारी रहेगा। एक के बाद एक ब्रह्मचारी और साध्वी गंगा रक्षा की मांग को लेकर तपस्या पर बैठते रहेंगे। चेतावनी दी कि जरूरत पड़ी तो स्वयं अन्न-जल त्यागकर तपस्या करेंगे। वहीं स्वामी दयानंद ने भी कड़ा विरोध जताया। उन्होंने कहा कि सरकार खनन माफिया के इशारों पर कार्य कर रही है।

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