ओएलएक्स पर ठगी का आरोपित राजस्थान से गिरफ्तार, पुलिस के साथ हुई हाथापाई
पुलिस ने भारी विरोध के बावजूद राजस्थान से ओएलएक्स पर ठगी करने वाले एक आरोपित को गिरफ्तार कर लिया है।
रुड़की, जेएनएन। रुड़की पुलिस ने भारी विरोध के बावजूद राजस्थान से ओएलएक्स पर ठगी करने वाले एक आरोपित को गिरफ्तार कर लिया है। इस दौरान रुड़की पुलिस से जमकर हाथापाई और नोकझोंक भी हुई। आरोपित को छुड़ाने के लिए पुलिस की कार में तोड़फोड़ भी हुई। आरोपित ने एक सैन्यकर्मी से ओएलक्स पर कार बेचने के नाम पर एक लाख 20 हजार की ठगी की थी। पुलिस गिरोह से जुड़े अन्य आरोपितों की तलाश कर रही है।
रुड़की में तैनात एक सैन्यकर्मी हर्ष कुमार से ओएलएक्स पर आइ-20 कार बेचने के नाम एक लाख बीस हजार रुपये की ठगी हुई थी। ठग ने वॉट्सअप पर कार के फोटो भेजकर साढ़े चार लाख रुपये में कार बेचने की बात कही थी। आरोप है कि खाते में रकम आने के बाद आरोपित ने फोन स्विच ऑफ कर दिया। इस मामले में पीड़ित ने सिविल लाइंस कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया था। मामले की जांच एसआइ अंकुश शर्मा कर रहे थे। जांच पड़ताल में पता चला कि सैन्यकर्मी से ठगी करने वाला मुस्ताक निवासी ग्राम लुहसेर, थाना कामा, जिला भरतपुर राजस्थान से है। इसके खाते में ही रकम जमा हुई थी।
आरोपित को पकड़ने के लिए एसआइ अंकुर शर्मा एक कॉन्स्टेबल के साथ कार से ग्राम लुहेसर पहुंचे। पुलिस ने जैसे ही आरोपित मुस्ताक को गिरफ्तार किया तो परिजन और अन्य ग्रामीण उसके पक्ष में सामने आ गए। ग्रामीणों ने पुलिस की कार्रवाई का विरोध करते हुए हाथपाई की। इस दौरान एसआइ की वर्दी भी फट गई। बावजूद इसके पुलिस ने उसे कार में बैठा लिया और वहां से निकल गए। इंस्पेक्टर अमरजीत सिंह ने बताया कि आरोपित से पूछताछ की जा रही है।
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रुड़की के दो पुलिसकर्मी भीड़ पर पड़े भारी
जिस गांव में ओएलएक्स के ठग को पकड़ने के लिए पुलिस गई थी। उस गांव में राजस्थान पुलिस भी दबिश के लिए कम ही जाती है। रुड़की पुलिस के दारोगा समेत दो पुलिसकर्मी भरतपुर जिले के लुहसेर गांव में भीड़ पर भारी पड़ गए। एसआइ अंकुर शर्मा समेत दोनों पुलिसकर्मी वर्दी में थे। एसआइ का कहना है कि कामा थाने की पुलिस भी उनके साथ नहीं आई। वहां की पुलिस का कहना था कि यहां पर दबिश देना खतरे से भरा है।
हर ठगी पर मिलता है कमीशन
मुस्ताक को हर ठगी पर कमीशन मिलता है। एसआइ अंकुर ने बताया कि पकड़ा गया आरोपित बैंक में काम करता है। आरोपित के खाते में ही ठगी की रकम जमा होती थी। इसके पीछे कुछ अन्य लोग भी हैं। यह लोग ठगी की रकम जमा करने के लिए मुस्ताक के खाते का इस्तेमाल करते हैं। मुस्ताक की तरह अन्य कई लोगों के खाते में भी रकम जमा होती है। मुस्ताक को इसके लिए 12 प्रतिशत कमीशन मिलता था। अब तक वह 60 से 70 हजार की रकम कमीशन के तौर पर ले चुका है। इस गांव के कई लोग इस धंधे से जुड़े है। मुस्ताक अकेले अब तक 30 से 40 लाख की ठगी कर चुका है। इस गिरोह में शामिल अन्य लोगों की तलाश हो रही है।
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