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हादसे दर हादसे, लेकिन कब लेंगे सबक

शहर से लेकर देहात तक सिलिडर ब्लास्ट के मामले हो रहे हैं। बावजूद इसके अफसर से लेकर आम आदमी तक कोई भी इनसे सबक लेने को तैयार नहीं है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 24 Nov 2020 07:34 PM (IST)Updated: Tue, 24 Nov 2020 07:34 PM (IST)
हादसे दर हादसे, लेकिन कब लेंगे सबक
हादसे दर हादसे, लेकिन कब लेंगे सबक

जागरण संवाददाता, रुड़की: शहर से लेकर देहात तक सिलिडर ब्लास्ट के मामले हो रहे हैं। बावजूद इसके अफसर से लेकर आम आदमी तक कोई भी इनसे सबक लेने को तैयार नहीं है। एक माह में ही तीन बड़े हादसे हो चुके हैं, जिसमें तीन लोग जान गंवा चुके हैं, जबकि 70 से अधिक घायल हुए हैं।

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शहर से लेकर देहात तक कहीं गैस सिलिडर की रिफलिग हो रही है तो कहीं प्रतिष्ठानों पर कमर्शियल गैस सिलिडर के बजाय घरेलू गैस सिलेंडर का इस्तेमाल हो रहा है। इसी चक्कर में कई बार हादसे हो रहे हैं। देहात में घरेलू गैस सिलिडर की रिफलिग से कई बार हादसे हो चुके हैं। मंगलौर, भगवानपुर, झबरेड़ा, कलियर, बु्ग्गावाला आदि जगहों पर इस तरह के अवैध कारोबार हो रहे हैं। रिफलिग कर सिलिडर के इस्तेमाल से अधिकांश हादसे होते हैं। रिफलिग के दौरान छोटे गैस सिलिडर में गैस का दबाव अधिक हो जाता है, जिसके चलते सिलिडर ब्लास्ट होते हैं या फिर लीकेज होते हैं। इसके अलावा गैस सिलिडर के इस्तेमाल में हो रही लापरवाही भी हादसों की बड़ी वजह बन रही है। कहीं पर लापरवाही तो कहीं पर अनजाने में हादसे हो रहे हैं। एक माह के अंदर हुए हादसों ने शहर से लेकर देहात को हिलाकर रख दिया है। हादसों के बावजूद प्रशासन एक या दो दिन दिखावे की कार्रवाई कर लीपापोती करता है। इसके बाद फिर वहीं ढर्रा शुरू हो जाता है।

केस एक: सात नवंबर को मंगलौर कस्बे में गैस सिलिडर में रिफलिग से ब्लास्ट हो गया था, जिसमें पुलिसकर्मी समेत दो लोग की मौत हुई थी जबकि 60 से अधिक घायल हुए थे।

केस दो: 12 नवंबर को भगवानपुर के सिसौना गांव में गैस सिलिडर की लीकेज के बाद हुए ब्लास्ट से एक फैक्ट्रीकर्मी की मौत हो गई थी जबकि एक ही परिवार के महिला समेत पांच लोग घायल हुए थे।

केस तीन: 23 नवंबर को हरिद्वार रोड पर वेल्डिग की दुकान में ब्लास्ट होने से दो लोग गंभीर घायल हो गये थे।

हादसों से बचने के उपाय

-गैस सिलिडर में कैप लगाकर रखें।

-गैस सिलिडर और चूल्हे में लगे पाइप की नियमित जांच करें।

-गैस सिलिडर में लगे पाइप को नियमित समय पर बदलें।

-गैस सिलिडर में लगे रेग्यूलेटर की भी जांच करते रहें।

-गैस सिलिडर में लीकेज होने पर उसे खुले में रखें।

-गैस सिलिडर का इस्तेमाल करने के बाद रेग्यूलेटर बंद करें।

-लीकेज के बाद आग लगने पर सिलिडर पर गीला कपड़ा रखें।

-गैस की रिफलिग करने वाले से सिलिडर लेने से बचें।

वर्जन

गैस इस्तेमाल करते समय किसी तरह की लापरवाही न करें। लोग खुद भी जागरूक बनें। हादसा होने पर तुरंत ही दमकल को इसकी सूचना दें।

देवेंद्र नेगी, फायर स्टेशन अधिकारी, रुड़की


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