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- बांध निर्माण में हुआ 40 करोड़ का घोटाला: चैंपियन

संवाद सहयोगी, रुड़की: खानपुर विधायक कुंवर प्रणव ¨सह चैंपियन ने लक्सर क्षेत्र में गंगा और सोल

By JagranEdited By: Published: Sat, 15 Dec 2018 07:30 PM (IST)Updated: Sat, 15 Dec 2018 07:30 PM (IST)
- बांध निर्माण में हुआ 40 करोड़ का घोटाला: चैंपियन
- बांध निर्माण में हुआ 40 करोड़ का घोटाला: चैंपियन

संवाद सहयोगी, रुड़की: खानपुर विधायक कुंवर प्रणव ¨सह चैंपियन ने लक्सर क्षेत्र में गंगा और सोलानी नदी तट पर बनाए गए बांधों के निर्माण में मानकों की अनदेखी का आरोप गया है। उन्होंने दोनों बांध निर्माण में 40 करोड़ रुपये से अधिक के घोटाले का दावा करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया। चै¨पयन ने प्रदेश सरकार से मामले की जांच कराने की मांग की है।

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गंगनहर किनारे स्थित कैंप कार्यालय पर पत्रकार वार्ता में खानपुर विधायक कुंवर प्रणव ¨सह ने कहा कि वर्ष 2015 में गंगा नदी के तट पर बालावाली से शेरपुर तक 10 किलोमीटर लंबा बांध बनाया गया था। बांध निर्माण के लिए करीब 26.23 करोड़ रुपये का बजट था, लेकिन बांध बनाने में तय मानकों का ध्यान नहीं रखा गया। बांध पर रिटे¨नग वॉल, स्टोन पि¨चग और कंप्रेशर खडं़जा नहीं बनाया गया। जिसके कारण बांध एक बारिश भी नहीं झेल पाया। बांध के टूटने से करीब छह हजार बीघा फसल बर्बाद हो गई। बांध बिल्कुल जर्जर हालत में हो चुका है। जो बांध बनाया गया था उस पर मात्र चार से पांच करोड़ रुपये का खर्च आया होगा। 20 से 22 करोड़ का इस बांध निर्माण में घोटाला हुआ है। इसी तरह से सोलानी नदी पर बनाया गए 22.60 करोड़ रुपये के बजट के बांध में मानकों की अनदेखी हुई। बांध पर मात्र दो करोड़ रुपये खर्च हुआ होगा। विधायक चैंपियन ने इन दोनों बांध में हुए घोटाले के लिए पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत को जिम्मेदार ठहराया है। विधायक चैंपियन ने बताया कि तालाब की भूमि पर बने पक्के मकानों को न तोड़े जाने के लिए उन्होंने शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक से वार्ता की है। जिसमें उन्होंने इस मामले में सरकार को कोर्ट जाने और बने हुए मकानों को तोड़ने के बजाए उन पर शुल्क लगाने की बात कही है। इससे लोग बेघर होने से बच जाएंगे। क्योंकि जिस समय यह मकान बनाए गए होंगे, उस समय वहां तालाब नहीं होंगे। विधायक चैंपियन ने सरकार से गन्ना मूल्य 400 रुपये प्रति ¨क्वटल निर्धारित करने की मांग की। साथ ही कहा कि रिजेक्ट प्रजाति के गन्ने को भी चीनी मिल खरीदें। चाहे इसके लिए रिजेक्ट प्रजाति के गन्ने का रेट थोड़ा कम करना पड़े।


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