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उत्तराखंड में ओबीसी को 27 फीसद आरक्षण मांगा

अखिल भारतीय ओबीसी महासभा ने उत्तराखंड में ओबीसी के लिए 27 फीसद आरक्षण की मांग की है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 28 Jul 2021 11:49 PM (IST)Updated: Wed, 28 Jul 2021 11:49 PM (IST)
उत्तराखंड में ओबीसी को  27 फीसद आरक्षण मांगा
उत्तराखंड में ओबीसी को 27 फीसद आरक्षण मांगा

जागरण संवाददाता, हरिद्वार: अखिल भारतीय ओबीसी महासभा ने उत्तराखंड में ओबीसी के लिए 27 फीसद आरक्षण की मांग की है। महासभा के राष्ट्रीय सचिव विजय सिंह पाल व युवा विग के प्रदेश अध्यक्ष पंकज सैनी के संयोजन में पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं ने सिटी मजिस्ट्रेट के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन प्रेषित कर राज्य में मंडल आयोग की सिफारिशों के अनुरूप ओबीसी वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण दिए जाने की मांग की।

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राष्ट्रीय सचिव विजय सिंह पाल ने बताया कि मंडल आयोग ने 52 फीसद आबादी वाले ओबीसी वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण दिए जाने की अनुशंसा की हुई है, बावजूद इसके उत्तराखंड में ओबीसी को केवल 14 प्रतिशत आरक्षण दिया जा रहा है, जोकि ओबीसी समाज के साथ अन्याय है। आरोप लगाया कि राज्य गठन के बाद यहां की सरकारों ने मंडल आयोग की सिफारिशों का उल्लंघन कर भौगोलिक व आर्थिक आधार पर कई स्वर्ण जातियों को ओबीसी में शामिल कर उन्हें लाभ देना शुरू कर दिया। ऐसे में स्वर्ण जातियों को ओबीसी कोटे से आरक्षण का लाभ देना आर्थिक व शैक्षिक रूप से पिछड़े समाज के साथ अन्याय है। सरकार और सरकारी तंत्र ओबीसी समाज के नाम पर सरकारी धन का गोलमाल किया जा रहा है। राज्य में हुआ छात्रवृत्ति घोटाला इसका बड़ा उदाहरण है।

उन्होंने हाल ही में फेरूपुर में सामाजिक सम्मेलन करने पर सैनी समाज के लोगों के खिलाफ कोविड नियमों के उल्लंघन का का दर्ज किया गया मुकदमा तत्काल वापस लेने की मांग की। युवा विग के प्रदेश अध्यक्ष पंकज सैनी ने कहा कि ओबीसी समाज का राजनैतिक लाभ लिया जा रहा है। सरकारें ओबीसी समाज के उत्थान में योगदान नहीं दे रही हैं। मिलने वाले आरक्षण में भी भेदभावपूर्ण नीति अपनाई जा रही है।


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