हरकी पैड़ी पर स्थापित हुई कुंभ धर्मध्वजा
वैदिक मंत्रोचारण और गंगा मइया के जयकारों के बीच श्रीगंगा सभा ने शोभा यात्रा निकाल कर हरकी पैड़ी ब्रह्मकुंड के मुख्य आरती स्थल में कुंभ धर्मध्वजा की स्थापना की। इस दौरान श्रीगंगा सभा के अध्यक्ष प्रदीप झा और महामंत्री तन्मय वशिष्ठ ने अन्य पदाधिकारियों संग गंगा पूजन कर कुंभ मेला सकुशल संपन्न होने की प्रार्थना की।
जागरण संवाददाता, हरिद्वार : वैदिक मंत्रोच्चारण और गंगा मइया के जयकारों के बीच श्रीगंगा सभा ने शोभा यात्रा निकाल कर हरकी पैड़ी ब्रह्मकुंड के मुख्य आरती स्थल में कुंभ धर्मध्वजा की स्थापना की। इस दौरान श्रीगंगा सभा के अध्यक्ष प्रदीप झा और महामंत्री तन्मय वशिष्ठ ने अन्य पदाधिकारियों संग गंगा पूजन कर कुंभ मेला सकुशल संपन्न होने की प्रार्थना की। बड़ी संख्या में तीर्थ पुरोहितों और स्थानीय श्रद्धालु शामिल हुए। धर्मध्वजा स्थापना के बाद सभी ने संध्याकालीन गंगा आरती में भाग लिया।
गुरुवार को श्रीगंगा सभा ने अपनी धर्म ध्वजा यात्रा कुशावर्त घाट पर गंगा की पूजन के साथ शुरू की। यात्रा में मां गंगा के अलावा भव्य झॉकिया आकर्षण का केंद्र थी। शोभायात्रा में बड़ी संख्या में तीर्थ पूरोहित धर्मध्जवा पताका के साथ शामिल हुए। कुशावर्त घाट से आरंभ हुई शोभायात्रा सुभाष घाट, मोतीबाजार, सब्जी मंडी, रामघाट, विष्णुघाट, बिड़ला रोड, ललतारौ पुल, बाल्मीकि चौक, पोस्ट ऑफिस से अपर रोड होते हुए दोपहर बाद हरकी पैड़ी पहुंची। जहां पर पूरे विधि विधान के साथ ब्रहमकुंड के निकट धर्मध्वजा स्थापित की गयी। शोभा यात्रा में पर जगह-जगह स्थानीय निवासियों, व्यापारियों, श्रद्धालुओं ने पुष्प बरसाए।
श्रीगंगा सभा के महामंत्री तन्मय वशिष्ठ ने कहा कि इस बार श्रीगंगा सभा की ओर से एकरूपता, दिव्यता, भव्यता महसूस कराने का प्रयास किया जा रहा है। अध्यक्ष प्रदीप झा ने सभी को धर्म ध्वजा स्थापित किए जाने की पुरानी परंपराओं से अवगत कराया। शोभायात्रा में अखिल भारतीय ब्राह्मण एकता परिषद की ओर श्रीगंगा सभा के अध्यक्ष, महामंत्री, सभापति कृष्ण कुमार ठेकेदार के अलावा नितिन गौतम को फरसा भेंट किया गया। इस दौरान पुलिस महानिरीक्षक कुंभ मेला संजय गुंज्याल, अपर मेलाधिकारी डॉ. ललित नारायण मिश्र, श्रीगंगा सभा के उपसभापति सुरंद्र सिखौला, उज्जवल पंडित, पराग मिश्रा, शिवकुमार बेमगपुरिया, अनिल सिखौला, अखिलेश शिवपुरी, नितिन गौतम, नितिन शर्मा माना आदि मौजूद रहे।