निजी लैब की जांच में मरीज की ब्लड ग्रुप की रिपोर्ट गलत
एक निजी पैथोलॉजी लैब की लापरवाही के कारण अस्पताल में भर्ती महिला मरीज के ब्लड ग्रुप की रिपोर्ट गलत आ गई। रिपोर्ट के गलत होने की जानकारी उस समय हुई जब महिला को ब्लड चढ़ाने के लिए स्वजन ब्लड बैंक पहुंचे।
संवाद सहयोगी, रुड़की: एक निजी पैथोलॉजी लैब की लापरवाही के कारण अस्पताल में भर्ती महिला मरीज के ब्लड ग्रुप की रिपोर्ट गलत आ गई। रिपोर्ट के गलत होने की जानकारी उस समय हुई जब महिला को ब्लड चढ़ाने के लिए स्वजन ब्लड बैंक पहुंचे। ब्लड बैंक में ग्रुप की जांच करने पर लैब की लापरवाही सामने आई।
रामनगर निवासी सुषमा का स्वास्थ्य ठीक नहीं चल रहा है। चिकित्सक ने महिला की खून की कुछ जांच लिखी थी। स्वजनों ने एक निजी लैब पर जांच कराई। लैब की रिपोर्ट के आधार पर चिकित्सक ने महिला का उपचार शुरू किया। महिला की रिपोर्ट में हीमोग्लोबिन की मात्रा 3.80 ग्राम आई। इसके चलते चिकित्सक ने महिला को ब्लड चढ़ाने की बात कही। स्वजन महिला के खून का सैंपल लेकर सिविल अस्पताल रुड़की के ब्लड बैंक पहुंचे। ब्लड बैंक प्रभारी डॉ. रजत सैनी ने बताया कि रिपोर्ट में महिला का ब्लड ग्रुप बी निगेटिव लिखा हुआ था। लेकिन, जब उन्होंने ब्लड देने के लिए ब्लड के सैंपल को बी निगेटिव ग्रुप से मैच किया तो वह मैच नहीं हुआ। इस पर उन्होंने सैंपल के ग्रुप की जांच की तो पता चला कि महिला के ब्लड का ग्रुप बी पॉजिटिव है। उन्होंने बताया कि ब्लड बैंक से जब भी ब्लड दिया जाता है तो सैंपल का ग्रुप क्रॉस चेक जरूर किया जाता है। दिए जाने वाले ब्लड और सैंपल में आए मरीज के ब्लड को मैच करने के बाद ही खून दिया जाता है। महिला मरीज के पति अनिल कुमार का कहना है कि वह निजी पैथोलॉजी लैब की गलत रिपोर्ट को लेकर अधिकारियों से शिकायत करेंगे।