डीएम और एसएसपी से आयोग ने मांगी रिपोर्ट
राज्य मानवाधिकार आयोग ने हरिद्वार और देहरादून के जिलाधिकारी और एसएसपी से राष्ट्रीय राजमार्ग में बाधक निर्माणों को हटाने के लिए की गई प्रशासनिक कार्यवाही की रिपोर्ट 24 फरवरी तक आयोग के समक्ष प्रस्तुत करने के आदेश जारी किए हैं।
जागरण संवाददाता, हरिद्वार: राज्य मानवाधिकार आयोग ने हरिद्वार और देहरादून के जिलाधिकारी और एसएसपी से राष्ट्रीय राजमार्ग में बाधक निर्माणों को हटाने के लिए की गई प्रशासनिक कार्यवाही की रिपोर्ट 24 फरवरी तक आयोग के समक्ष प्रस्तुत करने के आदेश जारी किए हैं।
राष्ट्रीय सूचना अधिकार जागृति मिशन के अध्यक्ष रमेश चंद्र शर्मा ने उत्तराखंड मानवाधिकार आयोग में राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण दिल्ली और सड़क परिवहन मंत्रालय के सचिव, जिलाधिकारी हरिद्वार और देहरादून के अलावा इंफ्रा कंपनी ऐरा के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। तीन वर्ष की सुनवाई के बाद भी राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के परियोजना निदेशक पीके मौर्य स्पष्ट रूप से यह नहीं बता सके कि देहरादून से लेकर गुरुकुल नारसन तक फोरलेन का निर्माण कब तक पूरा करा दिया जाएगा। उनके अधिवक्ता विजयपाल तिवारी ने आयोग के समक्ष लिखित में विभागों का बचाव करते हुए हरिद्वार शहर में मोतीचूर रेलवे फाटक से लेकर पावनधाम तिराहे तक अधूरे पड़े बरसाती नाल निर्माण, सर्विस रोड निर्माण और रिजेंटा होटल के आगे बरसाती नाला निर्माण में बाधक निर्माणों को हटाने की कार्यवाही जिला प्रशासन की लापरवाही से पूरा न होने का आरोप प्रशासन पर लगाया था। दूसरी ओर, रमेशचंद्र शर्मा ने जस्टिस अखिलेशचंद्र शर्मा से अनुरोध किया था कि कुंभ मेला आयोजन की व्यवस्था के लिए दूधाधारी चौक क्षेत्र में अधूरे पड़े राजमार्ग निर्माण कार्यों को पूरा कराने के लिए देहरादून और हरिद्वार के जिलाधिकारी और एसएसपी को आयोग में तलब कर निर्माण कार्य में विलंब के संबंध में रिपोर्ट मंगाई जाए। इस पर न्यायमूर्ति अखिलेशचंद्र शर्मा ने 15 दिसंबर 2020 को आदेश जारी कर हरिद्वार और दून के डीएम और एसएसपी से अवैध निर्माणों को हटाने के लिए की गई प्रशासनिक कार्यवाही की आख्या रिपोर्ट मांगी है।