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कलियर नगर पंचायत में चोरी के पीछे बड़े खेल की आशंका

जागरण संवाददाता हरिद्वार कलियर नगर पंचायत कार्यालय में चोरी के कलियर नगर पंचायत कार्यालय में चोरी के पीछे बड़े खेल की आशंका जताई जा रही है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 29 May 2020 03:00 AM (IST)Updated: Fri, 29 May 2020 07:45 AM (IST)
कलियर नगर पंचायत में चोरी के पीछे बड़े खेल की आशंका
कलियर नगर पंचायत में चोरी के पीछे बड़े खेल की आशंका

जागरण संवाददाता, हरिद्वार: कलियर नगर पंचायत कार्यालय में चोरी के पीछे बड़े खेल की आशंका जताई जा रही है। नगर पंचायत का हीलाहवाली का रवैय्या भी कई सवाल खड़े कर रहा है। गुरुवार को दो सभासदों ने जिलाधिकारी और एसएसपी से इस पूरे मामले की जांच कराने की मांग की है। जिसमें शक जताया गया है कि लॉकडाउन में हुए भ्रष्टाचार को छुपाने के लिए चोरी की कहानी बनाई गई है।

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पिरान कलियर में बीते 22 मई को नगर पंचायत कार्यालय का ताला तोड़कर अज्ञात लोग अंदर घुसे और अलमारियों व फाइलों को खंगाला गया। ताअज्जुब की बात यह है कि कार्यालय में रिकॉर्ड से छेड़छाड़ कर सिर्फ सीसीटीवी कैमरे की डीवीआर चोरी होने की बात सामने आई है। चोरी के इस अजीबोगरीब मामले को लेकर कई तरह की चर्चाएं बनी हुई हैं। सवाल उठ रहे हैं कि अगर वास्तव में चोर नगर पंचायत कार्यालय में चोरी के इरादे से घुसे हैं तो सिर्फ डीवीआर ही क्यों चुराई। सवाल यह भी है कि अभिलेखों से छेड़छाड़ कर चोरों को क्या फायदा हो सकता है। इस मामले में नगर पंचायत स्टाफ की भूमिका भी सवालों के घेरे में है। इसके बावजूद पंचायत अध्यक्ष शखावत व अधिशासी अधिकारी विनोद कुमार श्रेय ने नगर पंचायल के जेई खलील अहमद को ही आंच अधिकारी बना दिया। इस मामले में भाजपा सभासद शबनम साबरी और कांग्रेस समर्थित निर्दलीय सभासद नाजिम त्यागी ने गुरुवार को जिलाधिकारी व एसएसपी को लिखित शिकायत दी है। जिसमें आशंका जताई गई है कि लॉकडाउन में भ्रष्टाचार का कोई बड़ा मामला दबाने के लिए पूरा षडयंत्र रचा गया है।

नगर पंचायत के जेई को जांच अधिकारी बनाने पर सवाल उठाते हुए मजिस्ट्रेट व राजपत्रित अधिकारी से पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कराने की मांग की गई है। डीएम सी रविशंकर और एसएसपी सेंथिल अवूदई कृष्णराज एस ने भरोसा दिलाया है कि पारदर्शितापूर्ण जांच कराई जाएगी।

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एक ठेका लिपिक की भूमिका संदिग्ध

हरिद्वार: दोनों सभासदों का कहना है कि इस गड़बड़झाले में नगर पंचायत के एक ठेका लिपिक की भूमिका संदिग्ध है। शिकायती पत्र में बताया गया है कि ठेका लिपिक पर तत्कालीन अधिशासी अधिकारी के फर्जी हस्ताक्षर करने और रजिस्ट्रेशन शुल्क खाते में जमा नहीं कराने के आरोप ज्वाइंट मजिस्ट्रेट की ओर से कराई गई जांच में सही पाए गए हैं। इसके बावजूद लिपिक वर्तमान में नगर पंचायत कार्यालय में तैनात है।


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