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नारी अस्तित्व पर कविताएं सुनाकर ऊर्जा का संचार

एनएसएस शिविर के चौथे दिन स्वयंसेवियों ने ग्रामीण महिलाओं से हाथ का हुनर सीखा। वहीं छात्राओं ने महिलाओं को हस्ताक्षर करना सिखाया। इसके अलावा योगाभ्यास सहित अन्य गतिविधियों में भी स्वयंसेवियों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। वहीं कवयित्री ने नारी अस्तित्व पर कविता भी सुनाई।

By JagranEdited By: Published: Tue, 11 Feb 2020 05:21 PM (IST)Updated: Tue, 11 Feb 2020 05:21 PM (IST)
नारी अस्तित्व पर कविताएं सुनाकर ऊर्जा का संचार
नारी अस्तित्व पर कविताएं सुनाकर ऊर्जा का संचार

जागरण संवाददाता, रुड़की: एनएसएस शिविर के चौथे दिन स्वयंसेवियों ने ग्रामीण महिलाओं से हाथ का हुनर सीखा। वहीं छात्राओं ने महिलाओं को हस्ताक्षर करना सिखाया। इसके अलावा योगाभ्यास सहित अन्य गतिविधियों में भी स्वयंसेवियों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। वहीं कवयित्री ने नारी अस्तित्व पर कविता भी सुनाई।

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एसएसडीपीसी ग‌र्ल्स पीजी कॉलेज में एनएसएस की ओर से आयोजित शिविर में मंगलवार को योग और दंडाभ्यास से शुरुआत हुई। राष्ट्र सेविका समिति की जिला शारीरिक प्रमुख मीनल ने छात्राओं को प्रशिक्षित किया। इसके बाद स्वयंसेवियों ने ग्राम शंकरपुरी में ग्रामीण महिलाओं के साथ मिलकर हाथ के हुनर को सीखा। इस दौरान मौसमी सब्जियों के अचार डाले गए। वहीं छात्राओं ने महिलाओं को हस्ताक्षर करना सिखाया। सायंकालीन सत्र में स्वान पब्लिक स्कूल की मैनेजिग डायरेक्टर कुसुम लता शर्मा ने अष्टभुजा नारी विषय पर व्याख्यान दिया। जबकि, कवयित्री अलका घनशाला ने नारी अस्तित्व पर कविताएं सुनाकर छात्राओं में ऊर्जा का संचार किया। एनएसएस की कार्यक्रम अधिकारी डॉ. भारती शर्मा ने बताया कि प्रतिदिन विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से स्वयंसेवियों की ओर से ग्रामीणों को जागरूक किया जा रहा है। इस मौके पर डॉ. अर्चना चौहान, श्वेता अग्रवाल, तीर्थपाल, तेलूराम आदि उपस्थित रहे।


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