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श्रीराम मंदिर ट्रस्ट में वैष्णव और रामानंद संप्रदाय को दें प्रतिनिधित्व Haridwar News

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने श्रीराम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट में वैष्णव अखाड़ों और रामानंद संप्रदाय को प्रतिनिधित्व देने की मांग उठाई।

By Sunil NegiEdited By: Published: Sun, 09 Feb 2020 03:46 PM (IST)Updated: Sun, 09 Feb 2020 03:46 PM (IST)
श्रीराम मंदिर ट्रस्ट में वैष्णव और रामानंद संप्रदाय को दें प्रतिनिधित्व Haridwar News
श्रीराम मंदिर ट्रस्ट में वैष्णव और रामानंद संप्रदाय को दें प्रतिनिधित्व Haridwar News

हरिद्वार, जेएनएन। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने श्रीराम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट में वैष्णव अखाड़ों और रामानंद संप्रदाय को प्रतिनिधित्व देने की मांग उठाई। साथ ही यह भी प्रस्ताव पारित किया कि ट्रस्ट का अध्यक्ष रामानंदाचार्य संप्रदाय के संत को बनाए जाए। तर्क रखा कि संत किसी गृहस्थ की अगुआई में नहीं, बल्कि गृहस्थ, संत की अगुआई में काम करते हैं।

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हरिद्वार में कनखल निर्मल अखाड़े में शनिवार को अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की राष्ट्रीय बैठक हुई। इसमें श्रीराम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट में प्रतिनिधित्व, कुंभ मेला तैयारियों, शाही स्नान की तिथियों समेत कई मुद्दों पर चर्चा हुई। इय बीच, छह प्रस्ताव पारित किए गए। बैठक में लिए निर्णयों की जानकारी देते हुए परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत नरेंद्र गिरि ने बताया कि तेरह अखाड़ों के प्रतिनिधियों की मौजूदगी में सभी प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित किए गए। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट में तीनों वैष्णव अणि अखाड़ों के श्रीमहंत और एक रामानंदाचार्य को प्रतिनिधित्व देने की मांग का प्रस्ताव पारित किया गया। प्रस्ताव में यह भी कहा गया कि ट्रस्ट का अध्यक्ष रामानंदाचार्य संप्रदाय के किसी संत को बनाए जाए। तय किया गया कि इस आशय का प्रस्ताव प्रधानमंत्री को भेजा जाएगा।

परिषद अध्यक्ष का कहना था कि चूंकि भगवान श्रीराम भगवान विष्णु के अवतार व वैष्णव संप्रदाय के थे, इसलिए अयोध्या में निवास कर रहे इस संप्रदाय और अखाड़ों को भगवान श्रीराम के मंदिर निर्माण को बनने वाले ट्रस्ट में अवश्य स्थान दिया जाना चाहिए था। इन्होंने मंदिर निर्माण आंदोलन के साथ-साथ पुरातनकाल से मंदिर की रक्षा के लिए संघर्ष किया। उन्होंने बताया कि बैठक में पारित प्रस्तावों पर रविवार 9 फरवरी को हरिद्वार में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ङ्क्षसह रावत से होने वाली बैठक में चर्चा की जाएगी।

उन्होंने बताया कि बैठक में कुंभ के स्थायी निर्माण कार्य जल्द पूरा कराने की मांग भी उठी। निर्माण कार्यों की मौजूदा गति पर संतों ने नाराजगी जताई। बैठक में संतों ने कुंभ मेला क्षेत्र, अखाड़ों और आश्रमों के साथ ही गंगा घाटों की सफाई व्यवस्था सुनिश्चित करने की भी मांग उठाई।

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शाही स्नान की तारीखों पर अंतिम फैसला नहीं

परिषद की बैठक में कुंभ मेले के शाही स्नान की तारीखों पर चर्चा हुई। नक्षत्र और शास्त्र सम्मत संभावित तिथियों भी बैठक में रखी गई। परिषद अध्यक्ष ने बताया कि बैठक में शामिल संत कुंभ (शाही) स्नान के निमित्त अमृत योग की गणना को लेकर तिथियों के निर्धारण पर एकराय नहीं बन पाई। इसके चलते शाही स्नान की तिथियों पर अंतिम फैसला नहीं किया जा सका। इस पर बाद में फैसला किया जाएगा।

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