मूल उद्देश्य से भटककर शिक्षा बनी धन प्राप्ति का साधन: कुलपति
जागरण संवाददाता रुड़की उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय हरिद्वार के कुलपति प्रोफेसर देवी
जागरण संवाददाता, रुड़की: उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय हरिद्वार के कुलपति प्रोफेसर देवी प्रसाद त्रिपाठी ने कहा कि आज शिक्षा अपने मूल उद्देश्य से भटक कर धन प्राप्ति का साधन बनकर रह गई है। इसका कारण हमारा अपने पुरातन मूल्यों से विरत हो जाना है। यह बात उन्होंने बतौर मुख्य अतिथि चमन लाल महाविद्यालय में आयोजित कार्यशाला के दौरान कही।
गुरुकुल शिक्षा पद्धति एवं आधुनिक परिवेश में इसकी प्रासंगिकता विषय पर आयोजित कार्यशाला का मंगलवार को दूसरा दिन रहा। कार्यशाला में विचार रखते हुए वक्ताओं ने कहा कि गुरुकुल शिक्षा पद्धति के मूल्य ही वर्तमान उच्च शिक्षा को अर्थपूर्ण बना सकते हैं। सात दिवसीय कार्यशाला के दूसरे दिन मुख्य अतिथि उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय हरिद्वार के कुलपति प्रोफेसर देवी प्रसाद त्रिपाठी ने कहा कि भौतिक उन्नति के नाम पर आधुनिक शिक्षा व्यवस्था ने हमें असंतोषी बना दिया है और हम कुंठाग्रस्त जीवन जी रहे हैं। आज शिक्षा अपने मूल उद्देश्य से भटक कर धन प्राप्ति का साधन बनकर रह गई है। इसका कारण हमारा अपने पुरातन मूल्यों से विरत हो जाना है। कहा कि समाज को दिशा देने का उत्तरदायित्व शिक्षक का है। यदि हम समाज में व्याप्त बुराइयों को दूर करना चाहते हैं तो हमें अपने पुरातन मूल्यों को अपनाना होगा। इसमें गुरुकुल शिक्षा प्रणाली महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। विशिष्ट अतिथि प्रोफेसर नरेंद्र सिंह ने कहा कि उच्च जीवन मूल्यों से युक्त शिक्षा पद्धति वर्तमान की आवश्यकता है। कॉलेज प्रबंध समिति के अध्यक्ष राम कुमार शर्मा और प्राचार्य डॉ. सुशील उपाध्याय ने भी विचार रखे। इस मौके पर डॉ. नीशू भाटी, डॉ. अनामिका चौहान, डॉ. नवीन त्यागी, डॉ. संजीव कुमार, विनीत कुमार, डॉ. धर्मेंद्र कुमार, डॉ. सूर्यकांत शर्मा, डॉ. हिमांशु कुमार, डॉ. विमल कांत आदि मौजूद रहे।