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महाकुंभ में लिया सिध संस्कृति व भाषा के संरक्षण का संकल्प

संवाद सहयोगी हरिद्वार अखिल भारतीय सिधु महासभा की ओर से गुरुमंडल आश्रम में आयोजित तीन दिव

By JagranEdited By: Published: Mon, 16 Sep 2019 08:33 PM (IST)Updated: Tue, 17 Sep 2019 06:40 AM (IST)
महाकुंभ में लिया सिध संस्कृति व भाषा के संरक्षण का संकल्प
महाकुंभ में लिया सिध संस्कृति व भाषा के संरक्षण का संकल्प

संवाद सहयोगी, हरिद्वार: अखिल भारतीय सिधु महासभा की ओर से गुरुमंडल आश्रम में आयोजित तीन दिवसीय सिधु महाकुंभ के समापन पर सिध संस्कृति और भाषा के संरक्षण और संवर्धन का संकल्प लिया गया। महाकुंभ में देशभर से सैकड़ों की संख्या में लोग शामिल हुए।

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सोमवार को संगोष्ठी में कार्यक्रम के आयोजक स्वामी गंगादास उदासीन ने कहा कि श्रीचंद्र भगवान ने देश भर का भ्रमण कर समाज में फैली कुरीतियों को दूर करने का संदेश दिया। विभिन्न मत संप्रदायों व पाखंडों में उलझे समाज में ज्ञान का प्रकाश कर एकता के सूत्र में बांधा। श्रीचंद्र भगवान के जीवन चरित्र से प्रेरणा लेते हुए उनके आदर्शें पर चलने का सभी को संकल्प लेना चाहिए। संगोष्ठी में शदाणी दरबार के परमाध्यक्ष संत युद्धिष्ठर लाल, भीलवाड़ा से आए हंसराज, लखनऊ से आए साईं मोहनलाल ने कहा कि श्रीचंद्र भगवान ने अज्ञान के अंधकार में डूबे समाज को सत्य के मार्ग पर चलने का संदेश दिया।

इस अवसर पर शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक ने कहा कि भारतीय संस्कृति व सनातन परंपराओं का संरक्षण करने में संत महापुरुषों योगदान अतुलनीय है। संगोष्ठी के समापन अवसर पर आपसी एकता के साथ ही सिध संस्कृति और भाषा के संरक्षण, सामाजिक कुरीतियों को दूर करने का संकल्प लेने और धर्म परिवर्तन के खिलाफ अभियान चलाने का निर्णय लिया गया। इस मौके पर सुशीला देवी उदासीन, महामंडलेश्वर स्वामी भगवत स्वरूप, स्वामी रविदास, स्वामी ईश्वरदास, महंत स्वामी परमानंद, महंत स्वामी अनंतानंद आदि मौजूद रहे।


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