फैक्ट्रियों के केमिकलयुक्त पानी से बीमार हो रहे लोग
संवाद सूत्र भगवानपुर फैक्ट्रियों से निकलने वाले केमिकल युक्त पानी को खुले में छोड़ा जा रहा
संवाद सूत्र, भगवानपुर: फैक्ट्रियों से निकलने वाले केमिकल युक्त पानी को खुले में छोड़ा जा रहा है। इस पानी के संपर्क से ग्रामीण बीमार पड़ रहे हैं। लोग त्वचा रोग से पीड़ित हो रहे हैं। परेशान ग्रामीण गुरुवार को भगवानपुर थाने पहुंचे, उन्होंने इसकी शिकायत पुलिस से की है। थाने पहुंचे कई ऐसे ग्रामीण थे जो केमिकल युक्त पानी के संपर्क में आने के बाद त्वचा रोग से पीड़ित हो गए हैं।
ग्रामीणों ने थानाध्यक्ष संजीव थपलियाल को बताया कि उनके गांव के आसपास कई दवा कंपनियां हैं। इनसे निकलने वाले केमिकल युक्त पानी को खुले में छोड़ रहे हैं। यह पानी तेजाब की तरह से काम करता है। बरसात होने पर यह पानी घास में मिल जाता है। जब ग्रामीण घास काटने जाते हैं तो वे और पशु इस पानी के संपर्क में आ जाते हैं। पानी के त्वचा पर लगते ही बीमारियां शुरू हो जाती हैं। इसके अलावा कुछ फैक्ट्री वाले पानी बोरिग कराकर जमीन में छोड़ रहे हैं। इससे ग्राउंड वाटर भी दूषित हो गया है। यही वजह है कि किशनपुर गांव में त्वचा रोगियों की संख्या लगातार बढ़ रही है। इसके अलावा कई गंभीर बीमारियों के चपेट में वह आ रहे हैं। त्वचा रोग से पीड़ित कई ग्रामीणों ने थानाध्यक्ष को बीमारी के कारण खराब हो रहे अपने हाथ-पांव भी दिखाएं। थानाध्यक्ष संजीव थपलियाल ने शिकायत को गंभीरता से लेते हुए मामले में कार्रवाई का आश्वासन दिया है। पुलिस ने फैक्ट्री संचालकों को थाने बुलवाया है। इस मौके पर दानिश, इरशाद, तालिब, नौशाद, तस्लीम, शहवान, नाथ, राजेश, सूरज, अमित, कल्लू, राजेश, विनोद, सुमित, जयपाल, आदेश, धनीराम आदि मौजूद रहे।
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एसडीएम ने ली फैक्ट्री संचालकों की बैठक
भगवानपुर: औद्योगिक क्षेत्र में फैक्ट्रियों से निकलने वाले पानी के ट्रीटमेंट और उसके ड्रेनेज सिस्टम को लेकर गुरुवार को एसडीएम संतोष कुमार पाण्डेय ने कार्यालय में फैक्ट्री संचालकों की एक बैठक ली। इस दौरान उन्होंने फैक्ट्रियों से निकलने वाले पानी का अनिवार्य रूप से ट्रीटमेंट किए जाने के निर्देश दिए। वहीं ट्रीटमेंट के बाद पानी के ड्रेनेज सिस्टम पर भी विस्तार से चर्चा की गई। एसडीएम ने कहा कि फैक्ट्रियों से बिना ट्रीटमेंट पानी को बाहर छोड़ा जाना कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। यदि कोई फैक्ट्री संचालक ऐसा करता पाया जाता है तो उसके विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी। फैक्ट्री को बंद तक किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि फैक्ट्री में पानी के ट्रीटमेंट को लेकर अनिवार्य रूप से ट्रीटमेंट प्लांट लगाएं। फैक्ट्रियों से निकलने वाले पानी के लिए ड्रेनेज सिस्टम तैयार करने भी विचार-विमर्श हुआ। इसके लिए तहसीलदार सुशीला कोठियाल के नेतृत्व में एक समिति बनाई गई। यह समिति ड्रेनेज सिस्टम के लिए प्लान तैयार करेगी। ट्रीटमेंट वाला पानी ड्रेनेज सिस्टम के जरिये काली नदी में छोड़े जाने की बात कही गई।