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फोटो-36- व्यवस्था को मुंह चिढ़ा रहे ओडीएफ के सरकारी बोर्ड

संवाद सूत्र लालढांग न्याय पंचायत लालढांग में खुले में शौच मुक्त अर्थात ओडीएफ के साइन बोर्ड सरक

By JagranEdited By: Published: Wed, 11 Sep 2019 09:06 PM (IST)Updated: Wed, 11 Sep 2019 09:06 PM (IST)
फोटो-36- व्यवस्था को मुंह चिढ़ा रहे ओडीएफ के सरकारी बोर्ड
फोटो-36- व्यवस्था को मुंह चिढ़ा रहे ओडीएफ के सरकारी बोर्ड

संवाद सूत्र लालढांग: न्याय पंचायत लालढांग में खुले में शौच मुक्त अर्थात ओडीएफ के साइन बोर्ड सरकारी दावों को मुंह चिढ़ा रहे हैं। केवल बोर्ड लगाकर अधिकांश ग्राम पंचायतों को खुले में शौच मुक्त तो बताया जा रहा है, लेकिन अभी भी कई ग्राम पंचायतों में ग्रामीण अब भी खुले में शौच करने को हर दिन मजबूर हैं।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ग्राम पंचायत के साथ ही शहरी क्षेत्रों को भी खुले में शौच से मुक्त करने का नारा दिया था। लेकिन जिले में इसे संजीदगी से नहीं लिया जा रहा है। केवल कागजों में जिले को खुले में शौच मुक्त घोषित कर दिया गया है। हकीकत इससे उलट है। जमीनी हकीकत यह है कि रसूलपुर मीठी बेरी की 70 फीसद आबादी अब भी खुले में शौच कर रही है। वहीं नौरंगाबाद, कांगड़ी में आज भी अलसुबह गंगा तट पर ग्रामीणों को खुले में शौच करते देखा जा सकता है। पीली पड़ाव के पूर्व प्रधान शमशेर भड़ाना ने कहा कि सरकार के गांवों को ओडीएफ करने का दावा केवल कागजों तक है। नलोवाला गांव की 70 फीसद आबादी अभी भी खुले में शौच कर रही है।


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