मानवता की रक्षा को हजरत इमाम हुसैन ने दी शहादत
संवाद सहयोगी मंगलौर दस दिन से चल विभिन्न इमाबाड़ों में चल रही मजलिस में मंगलवार को हरजत इ
संवाद सहयोगी, मंगलौर: दस दिन से चल विभिन्न इमाबाड़ों में चल रही मजलिस में मंगलवार को हरजत इमाम हुसैन की शहादत को बयां किया गया। बताया गया कि हजरत हमाम हुसैन ने मानवता के उत्थान एवं रक्षा के लिए करबला के मैदान में अपनी शहादत दी। इसके उपरांत विभिन्न इमामबाड़ों से मातमी जुलूस निकाले गए।
मंगलौर कस्बे में दस दिन से इमामबाड़ों मे मजलिसों का सिलसिला जारी रहा। इसमें अजादारों ने शहीद-ए-आजम हजरत इमाम हुसैन और उनके जानिसारों को खिराज-ए-अकीदत पेश की। मगंलवार को शहीदे करबला हजरत इमाम हुसैन की शाहदत दिवस का मुख्य कार्यक्रम आयोजित हुआ। इस क्रम में पठानपुरा स्थित बड़े इमामबाड़े पर मजलिस आयोजित की गई। मजलिस को संबोधित करते हुए मौलाना तफ्सीर हैदर आबदी ने कहा कि करबला इज्जतों का रास्ता है। यहां पर न तो कोई छोटा है न बड़ा। हजरत इमाम हुसैन के दर पर सभी धर्म के लोग अकीदत के फूल चढ़ाते हैं। इसके बाद मातमी जुलूस शुरू हुए जो कि बाबुल मुराद होता हुआ बागाहे जैनबया पहुंचा। दरबार-ए-हुसैन से बरामद ताजिया जुलूस भी इसी जुलूस में शामिल हो गया। यहां से यह जुलूस लंढौरा रोड चुंगी नंबर तीन पर पहुंचा। मोहल्ला टोली होता हुआ थाना बाईपास मार्ग स्थित करबला पहुंचा तथा वहां से फिर बड़े इमामबाड़े पर संपन्न हो गया। जुलूस में नोहाख्यानी करने वालों में वफा आबदी, दानिश जैदी, हसनैन जैदी, शहजाद मेंहदी, कमाल मेंहदी, ताजदार आदि शामिल रहे।