सर्जन न होने से निजी अस्पतालों में जा रहे मरीज
संवाद सहयोगी रुड़की सिविल अस्पताल में मरीजों की मुश्किल कम होने का नाम नहीं ले रही है।
संवाद सहयोगी, रुड़की: सिविल अस्पताल में मरीजों की मुश्किल कम होने का नाम नहीं ले रही है। चिकित्सकों की कमी के कारण मरीजों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। ऑपरेशन के लिए भी मरीजों को निजी अस्पतालों में जाना पड़ रहा है। अस्पताल में कोई भी सर्जन न होने के चलते मरीजों को यह दिक्कत झेलनी पड़ रही है।
सिविल अस्पताल रुड़की में तीन माह कोई भी सर्जन नहीं है। संविदा पर तैनात दो सर्जन डॉ. जेपी नय्यर और डॉ. पंकज अग्रवाल के जाने के बाद से कोई नया सर्जन नहीं आ पाया है। सर्जन के न होने से पथरी, रसौली, हर्निया सहित विभिन्न बीमारियों से पीड़ित मरीजों को अस्पताल में उपचार नहीं मिल पा रहा है। यहां तक की छोटे-छोटे ऑपरेशन के लिए भी मरीजों को निजी अस्पताल जाना पड़ रहा है। इकबालपुर निवासी किरतपाल ने बताया कि खेत में काम करते समय उसके पांव में कुछ लग गया था। अब उसमें मवाद हो गई है। वह उपचार के लिए अस्पताल आया था, इसके लिए छोटा सा ऑपरेशन होना था, लेकिन अस्पताल में बताया गया कि सर्जन नहीं है। इसलिए यह यह ऑपरेशन नहीं हो सकता है। इसी तरह से आए दिन कई मरीज बिन उपचार के वापस लौटने को मजबूर हो रहे हैं।