..तो खत्म हो रहा है आरटीई का मोह
दीपक मिश्रा रुड़की शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत गरीब अभिभावक अपने बच्चों को अब पब्लिक
दीपक मिश्रा, रुड़की : शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत आर्थिक रूप से कमजोर जरूरतमंद अभिभावक अपने बच्चों को अब पब्लिक स्कूलों में पढ़ाना नहीं चाह रहे हैं। यह बात हम नहीं आरटीई के तहत हुए रजिस्ट्रेशन के आंकड़े कह रहे हैं। आरटीई के तहत प्रवेश के लिए ऑनलाइन आवेदन मांगे गए हैं, लेकिन 10 दिन में केवल 4.41 फीसद अभिभावकों ने ही अपने बच्चों के लिए आरटीई के तहत आवेदन किया है। जनपद हरिद्वार में आरटीई की 5285 सीट हैं। जिस पर केवल 233 ही आवेदन आए हैं।
आरटीई के तहत पब्लिक स्कूलों में प्रवेश के लिए शिक्षा विभाग की ओर से ऑनलाइन आवेदन मांगे गए हैं। एक मई से आवेदन प्रक्रिया शुरू हो गई थी। आवेदन करने की अंतिम तिथि 14 मई निर्धारित है। आरटीई के तहत गरीब अभिभावक अपने बच्चे को घर के समीप के किसी भी पब्लिक स्कूल में पढ़ा सकते हैं। इसका पूरा खर्च शिक्षा विभाग वहन करता है। आरटीई के तहत प्रवेश लेने वाले बच्चों के अभिभावकों को कोई शुल्क नहीं देना होता है। बावजूद इसके अभिभावक आरटीई के तहत अपने बच्चों को पब्लिक स्कूलों में नहीं पढ़ाना चाह रहे हैं। आंकड़ों पर नजर डालें तो जनपद हरिद्वार में आरटीई के तहत 5285 सीटें निर्धारित हैं और 10 दिन में इन सीटों पर केवल 233 आवेदन ही आ पाए हैं। यानी 4.41 प्रतिशत अभिभावकों ने ही आरटीई के तहत आवेदन किया है। इसमें सबसे ज्यादा सीटें बहादराबाद ब्लॉक में हैं। इस ब्लॉक में 1379 सीटें है। जिसमें केवल 53 ऑनलाइन आवेदन आए हैं। जिला शिक्षा अधिकारी, बेसिक ब्रह्मपाल सिंह सैनी का कहना है कि आरटीई के तहत अधिक से अधिक स्कूलों में प्रवेश हो सके, इसके लिए हरसंभव प्रयास किया जा रहा है।
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जिले में आरटीई सीट और रजिस्ट्रेशन का ब्योरा (नौ मई तक)
क्षेत्र सीट रजिस्ट्रेशन
बहादराबाद 1379 53
भगवानपुर 412 10
खानपुर 482 09
लक्सर 866 11
नारसन 673 15
रुड़की 786 40
नप मंगलौर 53 00
नप शिवालिकनगर 28 02
नपं लंढौरा 14 00
नपं कलियर 13 00
नपं झबरेड़ा 43 00
नप लक्सर 98 02
नपं भगवानपुर 29 02
ननि हरिद्वार 210 56
ननि रुड़की 199 33
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कुल 5285 233
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