साहब पीढि़यों से काबिज है जमीन पर, मुआवजा किसी ओर को
जागरण संवाददाता, रुड़की : सालियर गांव में 100 से अधिक ग्रामीणों के सामने बड़ी परेशानी खड़ी हो गई है।
जागरण संवाददाता, रुड़की : सालियर गांव में 100 से अधिक ग्रामीणों के सामने बड़ी परेशानी खड़ी हो गई है। दरअसल, वह कई पीढि़यों से जमीन पर काबिज चले आ रहे हैं, लेकिन राजस्व अभिलेखों में यह जमीन दूसरे लोगों के नाम पर है। ऐसे में मुआवजा न मिलने से लोगों की परेशानी बढ़ गई है। इसके अलावा उन्होंने कहा कि जिन लोगों की आवासीय भूमि राजमार्ग चौड़ीकरण में जा रही है, उनको भी कृषि भूमि की दर से मुआवजा दिया जा रहा है। ग्रामीणों ने अपनी समस्या विधायक और ज्वाइंट मजिस्ट्रेट के समक्ष रखी और मामले का हल निकाले जाने की मांग की।
ग्राम प्रधान मोनिका के नेतृत्व में सोमवार को सालियर के ग्रामीण दिल्ली-देहरादून राजमार्ग पर एकत्र हो गए। ग्रामीणों ने क्षेत्रीय विधायक देशराज कर्णवाल और ज्वाइंट मजिस्ट्रेट नितिका खंडेलवाल को भी मौके पर बुला लिया। ग्रामीणों ने कहा कि दिल्ली-देहरादून राजमार्ग के चौड़ीकरण की प्रक्रिया चल रही है। इसके लिए जमीनों का अधिग्रहण किया जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि आवासीय भूमि का मुआवजा कृषि भूमि की दर से दिया जा रहा है। इसकी वजह से लोगों में आक्रोश है। इसके अलावा गांव में वर्षों से कुछ लोग बिना जमीन का बैनामा कराए उस पर काबिज हैं, कई पीढि़यों से वह उक्त भूमि पर रहते चले आ रहे हैं। अब उनके घरों का अधिग्रहण भी किया जा रहा है। ऐसे में उनकी जमीन का मुआवजा किसी दूसरे को देने की तैयारी चल रही है। लिहाजा ऐसे मामलों में भूमि पर वर्षो से काबिज लोगों को ही मुआवजा दिया जाए। इस पर विधायक देशराज कर्णवाल ने कहा कि वह शासन में इस संबंध में वार्ता करेंगे। दूसरी ओर, ज्वाइंट मजिस्ट्रेट नितिका खंडेलवाल ने बताया कि इस संबंध में अभिलेख देखने के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी। इस मौके पर हरि ¨सह, सुधीर कुमार, नाथीराम, पवन कुमार, महेश कुमार, राजकुमार, जसवंत, सोनू कुमार, ओम ¨सह, रवि, राजाराम, भोपाल, बिजेंद्र, लोकेंद्र, चरण ¨सह, नाथीराम, खुर्शीद आलम, शमीम, जहांगीर, अय्यूब, मुनेश, गुफरान आदि मौजूद रहे।
---------------
इनसेट--
हाईवे किनारे रहने वाले लोगों को मिले नोटिस
रुड़की: शासन ने राजमार्ग किनारे रहने वाले पुहाना, किशनपुर, करौंदी और भगवानपुर आदि के ग्रामीणों को नोटिस थमा दिए हैं। इन लोगों से कहा गया है कि वह एक सप्ताह में अपनी मकान, दुकान या अन्य प्रतिष्ठान को हटा लें। इसके बाद प्रशासन उक्त का अधिग्रहण कर लेगा। इसके अलावा किसानों को भी खेत खाली करने के लिए नोटिस दिया गया है।