चेक में छेड़छाड़ कर स्टांप विक्रेता को लगाई 10 हजार रुपये की चपत
स्टांप विक्रेता के एकाउंट पे चेक में छेड़छाड़ कर 10 हजार की ठगी कर ली। पीड़ित ने इस बावत सिविललाइंस पुलिस को तहरीर दी है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
रुड़की, जेएनएन। स्टांप विक्रेता के एकाउंट पे चेक में छेड़छाड़ कर 10 हजार की ठगी कर ली। पीड़ित ने इस बावत सिविललाइंस पुलिस को तहरीर दी है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
सिविललाइसं कोतवाली क्षेत्र के आदर्शनगर निवासी पंकज जैन स्टांप विक्रेता हैं। पंकज जैन ने 11 मार्च को अपने एक कर्मचारी को 10 हजार रुपये का एकाउंट पे चेक खाते में जमा करने के लिए दिया था। कर्मचारी ने यह चेक बैंक के बॉक्स में डाल दिया था।
करीब 10 दिन बाद भी जब पंकज जैन के खाते में रकम नहीं आई तो उन्होंने बैंक में जाकर पता किया। बैंक ने उसे दूसरे बैंक में जाने को कहा। इस पर पंकज जैन ने चेक देने वाली पार्टी से जब संपर्क किया तो पता चला कि रकम का भुगतान हो चुका है।
शक होने पर स्टांप विक्रेता ने जब बैंक से डिटेल ली तो पता चला कि किसी ने एकाउंट पे चेक से छेड़छाड़ कर उस चेक को कैश कराया है। यह पता चलने पर उनके होश उड़ गए। पीड़ित ने इस बावत सिविललाइंस कोतवाली पुलिस को तहरीर दी है। एसएसआइ प्रशांत बहुगुणा ने बताया कि तहरीर मिली है। इस मामले में जांच के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
खाते से 80 हजार निकाले
मेहवड़ निवासी एक ग्रामीण के खाते से 80 हजार की रकम साफ हो गई। पीड़ित ने बैंक अधिकारियों पर रकम निकालने का आरोप लगाया है। पुलिस से मामले की शिकायत की गई।
मेहवड़ गांव निवासी जयपाल ने सहारनपुर के एक बैंक से चार लाख का लोन लिया था। जयपाल के मुताबिक लोन देने के समय उससे ब्लैंक चेक लिए गए थे। चार लाख का लोन मिलने के बाद उसके ब्लैंक चेक का इस्तेमाल कर खाते से 80 हजार रुपये की रकम निकाल ली।
आरोप है कि जब उसने बैंक अधिकारियों से शिकायत की तो उन्होंने पल्ला झाड़ दिया। पीड़ित ने सिविललाइंस कोतवाली पहुंचकर पुलिस से शिकायत की। वहीं पुलिस ने मामला सहारनपुर का बताते हुए वहां पर तहरीर देने को कहा है।
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