बाल अधिकारों की लड़ाई लड़ेगी बाल विधानसभा
बाल विधानसभा को संबोधित करते हुए उत्तराखंड विधानसभा के अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि बाल विधायक अपनी समस्याओं के प्रस्ताव को मुख्यमंत्री के समक्ष प्रस्तुत करें। वह स्वयं भी इसका संज्ञान लेकर कार्रवाई करेंगे।
जागरण संवाददाता, देहरादून : बाल विधानसभा को संबोधित करते हुए उत्तराखंड विधानसभा के अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि बाल विधायक अपनी समस्याओं के प्रस्ताव को मुख्यमंत्री के समक्ष प्रस्तुत करें। वह स्वयं भी इसका संज्ञान लेकर कार्रवाई करेंगे।
राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग, प्लान इंडिया व श्री भुवनेश्वरी महिला आश्रम के संयुक्त तत्वावधान में रविवार से उत्तराखंड बाल विधानसभा का चार दिवसीय सत्र किसान भवन देहरादून में शुरू हुआ। सत्र के पहले दिन बाल विधायकों को प्रशिक्षण दिया गया। जिसका शुभारंभ विस अध्यक्ष प्रेमचंद्र अग्रवाल ने किया। उन्होंने बाल विधानसभा को उत्तराखंड विधानसभा में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया। कहा कि बाल मंत्रीमंडल, बाल विधायक, क्रियाशील उत्तराखंड विधानसभा में शामिल हो सकते हैं। ताकि बाल विधानसभा मुख्य विधानसभा के तर्ज पर आगे बढ़े। इस वर्ष बाल विधानसभा सत्र में बालिका सुरक्षा को मुख्य समस्या के रूप में शामिल किया जाएगा। प्लान इंडिया से कृति व सुधीर रॉय ने बाल विधायकों को अंतरराष्ट्रीय, राष्ट्रीय व उत्तराखंड राज्य के संबंध में बालिका सुरक्षा की स्थितियों से अवगत कराया। कार्यक्रम में बाल विधानसभा अध्यक्ष नमन जोशी, गृहमंत्री कुमकुम पंत, नेता प्रतिपक्ष आसिफ हसन, राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की सदस्य शारदा त्रिपाठी, प्लान इंडिया के राज्य प्रबंधक सुरेश बलोदी, श्री भुवनेश्वरी महिला आश्रम के परियोजना प्रबंधक गिरीश डिमरी ने अपने विचार रखे। कार्यक्रम का संचालन प्लान इंडिया के परियोजना प्रबंधक गोपाल थपलियाल ने किया। इस दौरान बाल विधायकों के साथ अरविंद पुरोहित, अंकित काला, दीपक उप्पल, भरत रावत, चंद्रमणी उनियाल, पुष्पा बडोनी, श्रद्धा बिजल्वाण, शाकांबरी नौटियाल, रामपाल, पवन राणा, मीना चैहान, रामस्वरूप पालिवाल, मदन पालियाल, मदन कठैत, हेमा, सुमन, निर्मला, परमानंद डबराल एवं राजवीर रावत सहित लगभग 150 प्रतिभागियों ने प्रतिभाग किया।
बाल मुख्यमंत्री ने रखा कार्यो का ब्यौरा
सत्र के दौरान बाल मुख्यमंत्री कुमारी श्रृष्टि ने पिछले एक वर्ष में बाल विधानसभा द्वारा किए गए कार्य, चुनौती एवं सुझाव को विधानसभा अध्यक्ष के समक्ष रखा। बाल विधायकों ने बताया कि किस तरह उन्होंने अपने-अपने क्षेत्रों के बच्चों एवं लोगों को बाल अधिकार के बारे में जानकारी दी। विभिन्न बाल शोषण के मामलों जैसे बाल यौन हिंसा, बालिकाओं की सुरक्षा, बच्चे नशे की लत में आदि बिंदुओं पर बाल विधायकों द्वारा पैरवी कर रोकथाम का प्रयास किया गया। पिछली बाल विधानसभा के संबंध में डॉक्यूमेंट्री फिल्म सभी को दिखाई गई। इस दौरान बाल विधानसभा सत्र के आयोजन की तैयारी को लेकर उत्तराखंड बाल विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष आदित्य वर्मा एवं नेता प्रतिपक्ष अंशुल ने वर्तमान बाल विधायकों से अपने अनुभव साझा किए और बाल विधानसभा सत्र को प्रभावशाली बनाने के गुर सिखाए।
आयोग बाल विस के साथ : ऊषा नेगी
राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष ऊषा नेगी ने कहा कि आयोग बाल विधानसभा के साथ है। बाल विधानसभा बच्चों के मामले सीधे तौर पर आयोग के समक्ष रखें, जिस पर आयोग सख्ती से कार्रवाई करेगा और मामलों का तत्काल निपटारा करेगा। राज्य में बालिकाओं के साथ यौन हिंसा के प्रति आयोग की अध्यक्ष ने चिंता व्यक्त की।