कृषि के माध्यम से उद्यमी बनें युवा
उत्तराखंड के कई कृषि उत्पाद ऐसे हैं जिनकी मांग केवल देश में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी है।
राज्य ब्यूरो, देहरादून: उत्तराखंड के कई कृषि उत्पाद ऐसे हैं, जिनकी मांग केवल देश में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी है। प्रदेश सरकार किसानों को को हर तरह का तकनीकी, नीतिगत और आर्थिक सहयोग प्रदान कर रही है। इन परिस्थितियों में युवाओं के सामने कृषि के माध्यम से उद्यमी बनने का सुनहरा अवसर है।
बुधवार को परेड ग्राउंड में आयोजित 'युवा उत्तराखंड: उद्यमिता एवं रोजगार की ओर' कार्यक्रम में कृषि एवं कृषि संबंधित क्षेत्र पर चर्चा करते हुए कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि युवा खेती से जुड़कर अपना उद्यम स्थापित कर सकते हैं। सरकार स्वैच्छिक चकबंदी, आर्गनिक खेती, बागवानी, सगंध पौध, मशरूम व जड़ी-बूटी उत्पाद को बढ़ावा देने के लिए एक लाख रुपये तक का व्यक्तिगत जबकि पांच लाख रुपये तक का सामूहिक कृषि ऋण बिना ब्याज के दे रही है। गांवों में खेती बाड़ी को संवारने के लिए आइ एम ए विलेज नाम गांव की स्थानीय मौलिक चीजों को प्रोत्साहित किया जा रहा है।
विकासनगर विधायक मुन्ना सिंह चौहान ने कहा कि उत्तराखंड में साफ शुद्ध आबोहवा, पानी, मेहनती मानव संसाधन, विविधता भरी जलवायु और भौगोलिक स्वरूप है। उन्होंने कहा कि वैरायटी सीड को प्रोत्साहित कर उत्तराखंड को नई ऊंचाइयों पर ले जा सकते हैं। सचिव कृषि डी सेंथिल पांडियन ने कहा कि खेती को बढ़ावा देने के लिए एकीकृत कृषि की जरूरत है। इससे न केवल जैविक खेती को बढ़ाया जा सकता है बल्कि परंपरागत बीज-फसल को भी बचाने के साथ लोगों की आर्थिकी बढ़ाई जा सकती है।
इस दौरान आइआइएम काशीपुर के प्रोफेसर डॉ. वैभव भमेरिया, चकराता से आए किसान प्रेमचंद शर्मा, ग्रीन पीपुल एंड गोट विलेज के संस्थापक रूपेश राय और कौशल्या फाउंडेशन के कौशलेंद्र कुमार के अलावा सुमित लकोटिया व मनमोहन भारद्वाज आदि ने कृषि क्षेत्र के अपने अनुभवों को साझा किया और युवाओं को कृषि के क्षेत्र में रोजगार अपनाने को प्रेरित किया। इस अवसर पर सचिव सहकारिता आर मीनाक्षी सुंदरम भी उपस्थित थे।