युवाओं की पसंद बुफे की कोल्ड काफी और बर्गर, जानिए Dehradun News
दून की बुफे के बर्गर का स्वाद ही अलग है। गांधी पार्क के सामने 69 साल पुरानी इस दुकान में रोज सुबह से रात तक लोग बर्गर और कॉफी पीने के लिए पहुंचते हैं।
देहरादून, जेएनएन। दून में बर्गर यूं तो हर गली मोहल्ले की दुकानों व ठेलियों में मिल जाएगा लेकिन बुफे के बर्गर का स्वाद ही अलग है। गांधी पार्क के सामने 69 साल पुरानी इस दुकान में रोज सुबह से रात तक युवा वर्ग ही नहीं बल्कि हर वर्ग के लोगों बर्गर और कॉफी पीने के लिए पहुंचते है।
विष्णु दत्त जोशी ने दाम भी किफायती और स्वाद भी लाजवाब के मूल मंत्र में वर्ष 1949 बुफे रेस्ता की शुरुआत की थी। आज इस दुकान को उनके बेटे मोहन जोशी और प्रदीप जोशी संभालते हैं। 69 साल पुरानी इस दुकान ने हर बदलते हुए दौर का सामना किया लेकिन कभी अपने मूल सिद्धातों से समझौता नहीं किया। इसलिए आज भी लोग दून के कोने से कोने बर्गर और कॉफी का स्वाद लेने पहुंचे है, सुबह 11 बजे से रात दस बजे तक दुकान में लोगों की भीड़ लगी रहती है। लोग किफायती दाम में लाजवाब बर्गर का स्वाद लेने पहुंचते है।
बुफे रेस्ता को उसकी लोकेशन भी खास बनती है दून के घंटाघर के नजदीक और गांधी पार्क के सामने होने के कारण बाहर से आने वाला पर्यटक भी एक बार तो बुफे के बर्गर का स्वाद लेने पहुंचता ही है। प्रदीप जोशी ने बताया कि उनके पिता ने उन्हें सीख दी कि क्वालिटी से कभी समझौता नहीं करना वह उसी को लेकर आगे बढ़ रहे है इसलिए उनकी रेस्ता की दून में अलग पहचान है। बुफे में बर्गर खाने पहुंचे गौरव ने बताया कि बर्गर उन्होंने और जगह भी खाए हैं लेकिन इसका स्वाद लाजवाब है। साथ ही दाम भी काफी कम है। डीएवी कॉलेज की छात्रा पूजा शर्मा ने बताया कि फास्ट फूड खाना उन्हें ज्यादा पसंद नहीं है लेकिन जब भी घंटाघर की ओर आना होता है तो वह बुफे के बर्गर और कोल्ड कॉफी का स्वाद लेने जरूर आती है। उन्होंने बताया कि कॉलेज से बाहर अगर सहेलियों से मिलना होता है तो यह रेस्त्रां ही उनकी मुख्य जगह है। मिलने के साथ एक छोटी से पार्टी भी हो जाती है।
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