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अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव: विश्वभर के योग साधकों ने की गंगा आरती

अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव विश्वभर से आए योग साधकों ने परमार्थ निकेतन तट पर होने वाली दिव्य गंगा आरती में सहभाग किया।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Wed, 07 Mar 2018 01:48 PM (IST)Updated: Wed, 07 Mar 2018 01:48 PM (IST)
अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव: विश्वभर के योग साधकों ने की गंगा आरती
अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव: विश्वभर के योग साधकों ने की गंगा आरती

ऋषिकेश, [जेएनएन]: परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती महाराज ने कहा कि योग विधा में जीवन को बदलने की अनंत संभावनाएं विद्यमान हैं। एक सच्चा योगी अनंत क्षमताओं से युक्त होता है। आज दुनिया को ऐसे ही योग साधकों की जरूरत है, जो प्रकृति के सानिध्य में रहते हुए विकास करें और दूसरों का भी मार्ग प्रशस्त करें। 

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परमार्थ निकेतन व केंद्रीय आयुष मंत्रालय के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव के छठे दिन विश्वभर से आए डेढ़ हजार से अधिक योग साधकों ने एकजुट होकर विश्व शांति के लिए कामना की। स्वामी चिदानंद मुनि और अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव की निदेशक साध्वी भगवती सरस्वती के नेतृत्व में योग जिज्ञासुओं और योगाचार्यों ने बड़ी उत्सुकता से विश्व ग्लोब का पवित्र गंगाजल से अभिषेक (वाटर ब्लेसिंग सेरेमनी) किया। 

साध्वी भगवती सरस्वती ने कहा कि विश्व स्तर पर समुचित मात्रा में उच्च गुणवत्ता युक्त पेयजल की आपूर्ति होती रहे, यही वर्तमान की सबसे बड़ी चिंता है। दुनिया के ज्यादातर हिस्सों में पीने योग्य स्वच्छ जल तक अधिकतर लोगों की पहुंच नहीं है। जल संरक्षण के साथ विश्व के प्रत्येक व्यक्ति की पहुंच स्वच्छ जल तक हो, इसके लिए हम वाटर ब्लेसिंग सेरेमनी के माध्यम से जागरुकता लाना चाहते हैं। कहा कि महर्षि पंतजलि ने योगियों के लिए यम के अंतर्गत पहले सूत्र ''अहिंसा'' की बात की है। सच्चे योगी व्यायाम और करतब करने वाले नहीं होते, बल्कि वे तो अहिंसा की नींव रखते हैं। 

विश्वभर के योग साधकों ने की गंगा आरती 

सांध्य बेला में 96 देशों से आए योग साधकों ने स्वामी चिदानंद सरस्वती महाराज, साध्वी भगवती सरस्वती, साध्वी आभा सरस्वती, बौद्ध गुरु भिक्खु संघसेना समेत अन्य योगाचार्यों, वैज्ञानिकों, पर्यावरणविदों व संगीतज्ञों के साथ पर्यावरण एवं नदियों के संरक्षण का संकल्प लिया और वाटर ब्लेसिंग सेरेमनी संपन्न की। बाद में सभी प्रतिभगियों ने परमार्थ निकेतन तट पर होने वाली दिव्य गंगा आरती में भी सहभाग किया। 

शास्त्रीय नृत्य का सम्मोहन 

रात्रिकालीन सत्र में परमार्थ गुरुकुल के ऋषिकुमारों ने गीत, नृत्य व नाटक की मनमोहक प्रस्तुतियां दीं। परमार्थ निकेतन की योग शिक्षक नंदनी त्रिपाठी, गुजरात के भरत बराई व अक्षय पटेल ने भारतीय नृत्य का प्रशिक्षण दिया। जबकि, मंगोलियन ग्रुप ने भारतीय शास्त्रीय संगीत पर शानदार नृत्य प्रस्तुत कर सभी का मन मोह लिया।यह भी पढ़ें: ऋषिकेश में पांच दशक बाद गूंजे बीटल्स के गीत

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