Move to Jagran APP

उत्‍तराखंड में मौसम को लेकर जारी किया गया यलो अलर्ट, जानिए कहां होगी बारिश और बर्फबारी

गुरुवार को उत्तराखंड में मौसम शुष्क रहने की संभावना है। कहीं-कहीं आंशिक बादल छाए रह सकते हैं। उतराखंड के मैदानी क्षेत्रों कुछ भागों विशेषकर हरिद्वार व उधम सिंह नगर जनपदों में उथला कोहरा छाये रहने की संभावना है।

By Sunil NegiEdited By: Published: Thu, 27 Jan 2022 07:05 AM (IST)Updated: Thu, 27 Jan 2022 07:05 AM (IST)
उत्‍तराखंड में मौसम को लेकर जारी किया गया यलो अलर्ट, जानिए कहां होगी बारिश और बर्फबारी
गुरुवार को उत्तराखंड में मौसम शुष्क रहने की संभावना है।

जागरण संवाददाता, देहरादून। गुरुवार को उत्तराखंड में मौसम शुष्क रहने की संभावना है। कहीं-कहीं आंशिक बादल छाए रह सकते हैं। उतराखंड के मैदानी क्षेत्रों कुछ भागों विशेषकर हरिद्वार व उधम सिंह नगर जनपदों में उथला कोहरा छाये रहने की संभावना है। उतराखंड राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में कहीं-कहीं शीत दिवस की स्थिति को लेकर यलो अलर्ट जारी किया गया है। उत्तराखंड राज्य के गढ़वाल मंडल के पर्वतीय क्षेत्रों में कहीं-कहीं पाला पड़ने की संभावना है।

loksabha election banner

जनवरी में शुरुआत से उत्तराखंड समेत आसपास के राज्यों में मौसम मिजाज बदला-बदला है। रुक-रुककर बारिश और हिमपात का दौर जारी है। पश्चिमी विक्षोभ की लगातार सक्रियता और अरब सागर से उठने वाली चक्रवाती हवाएं मौसम के तेवर बदल रही हैं। ऐसे में बारिश और बर्फबारी उत्तराखंड में आफत बन गई है। पहाड़ों में भारी हिमपात के कारण कई सड़क मार्ग बाधित हैं, जबकि, दूरसंचार और बिजली-पानी की सेवाएं भी प्रभावित हैं।

मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह का कहना है कि पश्चिमी विक्षोभ 1.5 और 3.1 किलोमीटर के बीच पंजाब और आस-पास सक्रिय है। जबकि, साथ में चक्रवाती हवाएं भी उत्तर की ओर से लगातार पहुंच रही हैं। हालांकि, मध्य और ऊपरी क्षोभमंडल में ट्रफ ऊंचाई पर है। समुद्र तल से 5.8 किमी ऊपर सघन बादल विकसित हो रहे हैं।

इधर, पश्चिमी हिमालय के निचले इलाकों में लगातार वर्षा वाले बादल मंडरा रहे हैं। जिससे उत्तराखंड और आसपास बारिश व बर्फबारी का सिलसिला जारी है। जनवरी में अब तक हुई बारिश ने 110 साल का रिकार्ड तोड़ दिया है। दून में अब तक 152 मिलीमीटर बारिश हुई है, जो कि वर्ष 1911 में हुई 229 मिमी के बाद सर्वाधिक है।

हरिद्वार और टिहरी में भी पिछले 40 वर्ष में सबसे ज्यादा बारिश इस बार हुई है। टिहरी और हरिद्वार में भी बारिश 1945 के बाद सर्वाधिक हुई है।

टिहरी में इससे पहले 1981 में दर्ज की गई बारिश 117 मिमी रही, जबकि इस बार यह आंकड़ा 129 मिमी पहुंच गया है। यहां 1945 में 180 मिमी बारिश आल टाइम रिकार्ड है। हरिद्वार में भी इस बार 128 मिमी बारिश दर्ज की गई है, जो कि 1945 में हरिद्वार में 174 मिमी बारिश अब तक का रिकार्ड है। हालांकि, अभी प्रदेश में अगले कुछ दिन और बारिश-बर्फबारी हो सकती है। जिससे लगातार जनजीवन प्रभावित हो रहा है। पहाड़ों से लेकर मैदान तक कड़ाके की ठंड भी सता रही है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.