दया और करुणा के प्रसार से ही विश्व शांति संभव: स्वामी चिदानंद
परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती महाराज ने कहा कि विश्व में शांति की स्थापना तभी संभव है, जब शांति, प्रेम, करुणा और क्षमा भाव का प्रसार किया जाए।
ऋषिकेश, [जेएनएन]: नीदरलैंड के पीस पैलेस में आयोजित वैश्विक शांति संवाद में भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती महाराज ने कहा कि विश्व में शांति की स्थापना तभी संभव है। जब शांति, प्रेम, करुणा और क्षमा भाव का प्रसार किया जाए।
परमार्थ प्रवक्ता के अनुसार नीदरलैंड की राजधानी एम्सटरडेम में ब्रिजिट वान ब्यूरेन की ओर से शांति संवाद महासम्मेलन का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में पहुंचे देश-दुनिया के विभिन्न धर्मगुरुओं ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती महाराज ने कार्यक्रम में शिरकत की।
अपने संबोधन में स्वामी चिदानंद सरस्वती महाराज ने कहा कि हमने आज जो दीप प्रज्वलित किया है वह केवल बाहर ही नहीं भीतर भी प्रकाशमान होना चाहिए। अब समय आ गया है कि बाहर भी हमें सभी के दिलों में एकता, सद्भावना, समरसता और समता का दीप जलाना है और भीतर भी हमें शान्ति, दया, करूणा और प्रेम का दीप जलाना है। मन में प्रेम, करुणा व क्षमा भाव का सृजन करना बेहद जरूरी है। तभी विश्व में शांति की स्थापना संभव है।
जीवा की अंतरराष्ट्रीय महासचिव साध्वी भगवती सरस्वती ने कहा कि शाश्वत शांति की स्थापना गहन आध्यात्मिकता द्वारा ही हो सकती है। हिंसा व आतंक से शांति स्थापित नहीं हो सकती। सम्मेलन को पीर शब्द कान सूफी रूहानियत इंटर नेशनल यूएसए, जोनाथन ग्रेनोफ ग्लोबल सेक्योरिटी काउन्सिल के अध्यक्ष, इमाम अहमद उमर इलियासी दिल्ली, सलमान चिस्ती साहब अजमेर, भाई महेन्दर सिंह लंदन, मुर्शीद करीम बख्स विटवेन नीदरलैंड, जल विशेषज्ञ हेंक केटेलार्स अनगंगाक अंगकोरसुवाक ग्रीन लैंड, शेख तिजानी बेन उमर, घाना ने भी संबोधित किया। इस दौरान सभी धर्मगुरुओं ने विश्व शांति की स्थापना को एकजुट होकर प्रयास करने का संकल्प भी लिया।
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