रेशम कीट पालन व मशरूम की खेती से बढ़ाएं आर्थिकी
संवाद सहयोगी, विकासनगर: तहसील क्षेत्र की शाहपुर-कल्याणपुर पंचायत में शुक्रवार को बाएफ सं
संवाद सहयोगी, विकासनगर: तहसील क्षेत्र की शाहपुर-कल्याणपुर पंचायत में शुक्रवार को बाएफ संस्था ने ग्रामीण विकास बैंक के सौजन्य से काश्तकारों के लिए कार्यशाला आयोजित की। कार्यशाला में स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से खेती के साथ ही रेशम कीट पालन व मशरूम उत्पादन की जानकारी मुहैया कराई गई।
बाएफ के करुणेश कुमार ने किसानों से रेशम कीट पालन को बड़े पैमाने पर अपनाने व अधिक से अधिक शहतूत के पौधे लगाकर आर्थिकी बढ़ाने की सलाह दी। कहा कि नाबार्ड द्वारा चलाई जा रही योजनाओं व नवीनतम तकनीकों की जानकारी हासिल कर किसान आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ करें। सरकार द्वारा रेशम कीट पालकों को शेड बनाने के साथ ही अन्य सहायक सामग्री के लिए उपदान प्रदान किया जाता है। प्रत्येक किसान अपने साथ दो लोगों को इस व्यवसाय को अपनाने के लिए प्रेरित करे, जिससे क्षेत्र में बड़े पैमाने पर रेशम कीट पालन को बढ़ावा दिया जा सके। उन्होंने रेशम कीट पालन के बारे में काश्तकारों को तकनीकी जानकारी भी प्रदान की।
प्रशिक्षक एमपी धस्माना ने मशरूम की खेती की जानकारी देते हुए कहा कि सरकार द्वारा मिल रहे प्रोत्साहन व कौशल विकास के फलस्वरूप काश्तकारों का बड़ा वर्ग मशरूम की खेती की ओर रुख कर रहा है। कम पूंजी, कम जगह व कम समय में ज्यादा से ज्यादा उत्पादन के लिए मशरूम की खेती उपयुक्त है। मशरूम की खेती के लिए 35 से 40 डिग्री तक का तापमान अनुकूल माना जाता है। साथ ही मशरूम के विकास के लिए नमी की भी जरूरत होती है। अमूमन मशरूम की खेती के लिए मई से अक्टूबर तक का समय उपयुक्त होता है। हालांकि आवश्यक वातावरण व माहौल बनाकर 12 महीने इसकी खेती की जा सकती है। कार्यशाला में काश्तकारों को नाबार्ड की ओर से चलाई जा रही योजनाओं की जानकारी मुहैया कराई गई। इस दौरान ग्राम प्रधान ललिता, बीरवती, पीतांबर, भागमल, सतीश कुमार आदि मौजूद रहे।