मीडिया शोध में कंटेंट विश्लेषण महत्वपूर्ण विधि: प्रो. श्रीवास्तव
दून विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ मैनेजमेंट की ओर से आयोजित रिसर्च मैथोडोलोजी राष्ट्रीय कार्यशाला में लखनऊ विवि के जनसंचार व पत्रकारिता विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. मुकुल श्रीवास्तव ने मीडिया व पत्रकारिता के क्षेत्र में शोध संचालित करने की विभिन्न विधियों पर प्रकाश डाला।
जागरण संवाददाता, देहरादून : दून विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ मैनेजमेंट की ओर से आयोजित रिसर्च मैथोडोलोजी राष्ट्रीय कार्यशाला में लखनऊ विवि के जनसंचार व पत्रकारिता विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. मुकुल श्रीवास्तव ने मीडिया व पत्रकारिता के क्षेत्र में शोध संचालित करने की विभिन्न विधियों पर प्रकाश डाला।
दून विवि में चल रही कार्यशाला के चौथे दिन गुरुवार को प्रथम सत्र में प्रो. मुकुल श्रीवास्तव ने मीडिया शोध में विश्लेषण के लिए प्रयोग होने वाली विभिन्न विधियों की विस्तार से व्याख्या की। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में मीडिया जगत को फेक न्यूज के प्रभाव से बचना होगा, इसके लिए आवश्यक है कि समाचार की सत्यता परखी जाय व उसके लिए उन विधियों की जानकारी होना आवश्यक है जिससे हम वास्तविकता तक पहुंच सकें।
द्वितीय सत्र में पंजाब विवि, पटियाला के प्रो. मंजीत सिंह ने शोध के लिए संदर्भ ग्रथों के अध्ययन की प्रक्रिया का वर्णन किया। बताया कि पूर्व में प्रकाशित शोध पत्रों एवं शोध ग्रंथों के अध्ययन से ही शोध के लिए आवश्यक प्रश्न तैयार करने में सहायता मिलती है। उन्होंने कहा कि संदर्भ ग्रंथों के अध्ययन से ही शोध के लिए चयनित विषय वस्तु में रिसर्च गैप ढूंढा जा सकता है व उस अंतर को कम करने के लिए आवश्यक शोध विधि या प्रक्रिया पर विस्तार से चर्चा की। अंतिम सत्र में दून विवि की डॉ. वैशाली ने शैक्षणिक लेखन विधियों पर सामाजिक विज्ञान के क्षेत्र में उपयोग किए जा रहे तकनीकों एवं विधियों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि उत्कृष्ट शोध की पहचान शैक्षणिक लेखन से ही की जा सकती है, इसलिए हमें आकड़ों के विश्लेषण की व्याख्या व उसकी प्रस्तुति की विधियों का ज्ञान होना आवश्यक है। कार्यशाला में प्रबंधशास्त्र स्कूल के विभागाध्यक्ष प्रो. एचसी पुरोहित ने कहा कि यह कार्यशाला शोधार्थियों को शोधपत्र लेखन एवं उत्कृष्ट जर्नल में शोधपत्रों के प्रकाशन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। कार्यक्रम का संचालन डॉ. प्राची पाठक ने किया। इस अवसर पर डॉ. सुधाशु जोशी, नरेंद्र लाल, एश्वर्य प्रताप, श्रद्धाजैन, मुकुल देव, अंकिता मंदोलिया, कुलजीत, पारस बम्पाल, मनुष्वी, मनोज, फरीदा, प्रियंका सहित विभिन्न विश्वविद्यालयों के शोधार्थी उपस्थित रहे।