राष्ट्र व समाज की एकता के लिए हिदी को प्रोत्साहन जरूरी
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ऋषिकेश में सप्ताहव्यापी राजभाषा हिदी कार्यशाला विधिवत संपन्न हो गई।
जागरण संवाददाता, ऋषिकेश : अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ऋषिकेश में सप्ताहव्यापी राजभाषा हिदी कार्यशाला विधिवत संपन्न हो गई। कार्यशाला में संकायाध्यक्षों व कार्मिकों को संस्थागत कामकाज में राष्ट्रभाषा के अधिकाधिक उपयोग पर जोर दिया गया, जिससे हिन्दी भाषा को बढ़ावा मिल सके।
मंगलवार को कार्यशाला के समापन अवसर पर एम्स निदेशक पद्मश्री प्रो. रविकांत ने कहा कि हिदी राजभाषा विभिन्न प्रांतों को जोड़ती है, हमें अपनी रोजमर्रा की भाषा को सरकारी कामकाज में लाने की जरूरत है, देश व सामाजिक एकता के लिए इसे प्रोत्साहित करना जरूरी है। उन्होंने संस्थान के सभी संकायों व अधिकारियों से प्रशासनिक कार्य में राजभाषा हिदी का प्रयोग करने का आह्वान किया। नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति के सचिव अशोक कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि गृहमंत्रालय राजभाषा विभाग व नराकास हिदी के प्रोत्साहन के लिए भाषा को उपयोग में लाने वाले कार्मिकों को पुरस्कार प्रदान करते है। हिदी का उपयोग करने वाले कर्मचारियों के लिए प्रोत्साहन राशि व वेतनवृद्धि का भी प्रावधान है। राजभाषा अधिकारी डीपी लखेड़ा, वरिष्ठ हिदी अधिकारी नीरा तिवारी ने बताया कि संस्थान के नर्सिंग कॉलेज के तीन अधिकारी वरिष्ठ नर्सिंग ऑफिसर डॉ. वसंथा कल्याणी, मलार कोडी, जेवियर बेल्सियार गैर हिदी भाषी पट्टी के होने के बावजूद केंद्रीय हिदी प्रशिक्षण संस्थान की हिदी प्रबोध परीक्षा उत्तीर्ण कर चुके हैं, जबकि संस्थान के डॉ. सोमप्रकाश बासू, डॉ. उत्तम कुमार नाथ, डॉ. सुपर्णा बासू व डॉ. अनिन्द्या दास ने हिदी प्रबोध परीक्षा में प्रवेश लिया है। इस दौरान उप निदेशक प्रशासन अंशुमन गुप्ता, डीन प्रो. सुरेखा किशोर, प्रोफेसर मनोज गुप्ता, डॉ. शशि प्रतीक, डॉ. बलराम जीओमर आदि मौजूद रहे।