छात्राओं और कामकाजी महिलाओं के लिए खुशखबरी, नवरात्रि में मिलेगी खास सौगात
छात्राओं और कामकाजी महिलाओं के लिए खुशखबरी है। केंद्र सरकार ने किराए पर रहने वाली कामकाजी महिलाओं और छात्राओं के लिए कामकाजी महिला छात्रावास का निर्माण करवाया है।
देहरादून, जेएनएन। दून में अन्य राज्यों से आई छात्राओं और कामकाजी महिलाओं के लिए खुशखबरी है। दरअसल केंद्र सरकार ने किराए पर रहने वाली कामकाजी महिलाओं और छात्राओं के लिए स्पेशल प्रोजेक्ट असिस्टेंट (एसपीए) के तहत वीरांगना तीलू रौतेली कामकाजी महिला छात्रावास का निर्माण करवाया है। आगामी 15 से 20 दिनों यानि नवरात्र के मौके पर महिलाएं और छात्राएं इस सुरक्षित छात्रावास में शिफ्ट हो सकेंगी।
दून के सर्वे चौक के निकट महिला सशक्तीकरण और बाल विकास विभाग के सहयोग से करीब 25 लाख रुपये की लागत से हॉस्टल का निर्माण किया गया है। महिला सशक्तीकरण और बाल विकास विभाग के जिला प्रोग्राम अधिकारी अखिलेश मिश्रा ने बताया कि बीते आठ अगस्त को छात्रावास का उद्घाटन किया गया था। छह फ्लोर के इस हॉस्टल में 96 कमरे हैं और एक कमरे में दो युवतियां रह सकती हैं। इस हॉस्टल निर्माण का मुख्य उद्देश्य कामकाजी महिलाओं और छात्राओं को सुरक्षित आवास मुहैया करवाना है।
उन्होंने बताया कि सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुसार हॉस्टल में 24 घंटे सिक्योरिटी गार्ड और वॉर्डन उपलब्ध करवाने के साथ अन्य छोटी-छोटी जरूरत की वस्तुएं उपलब्ध करवाने के कारण हॉस्टल शुरू करने में देरी हो रही है। लेकिन विभाग की कोशिश है कि नवरात्रों में युवतियों को नई सौगात दी जाए।
वेतन के हिसाब से तय होगा किराया
महिला सशक्तीकरण और बाल विकास विभाग की निदेशक झरना कमठान ने बताया कि हॉस्टल में रहने का किराया युवतियों के वेतन के हिसाब से तय किया जाएगा। मानकों के अनुसार 15 से 50 हजार रुपये तक के वेतन वाली युवतियों को यदि कमरे में अकेले रहना है तो उन्हें अपने वेतन का 15 प्रतिशत देना होगा। यदि वह किसी अन्य युवती के साथ कमरा साझा करती हैं तो उन्हें वेतन का 10 प्रतिशत किराया देना होगा। इसी तरह एक रात के लिए कमरा चाहिए तो अकेले रहने पर पांच सौ रुपये किराया और कमरा साझा करने पर चार सौ रुपये किराया देना होगा। हालांकि खाने और सफाई का किराया अलग से रहेगा।
18 वर्ष से अधिक की युवतियां रह पाएंगी छात्रावास में
छात्रावास में 18 वर्ष से अधिक की युवतियां और कामकाजी महिलाएं रह सकती हैं। जिन्हें शिफ्ट होने से पहले कार्यस्थल संबंधित दस्तावेज, पांच हजार रुपये सुरक्षा राशि देनी होगी। जो उन्हें छात्रावास छोड़ने पर लौटा दी जाएगी।
तलाकशुदा महिलाएं रख सकती हैं बच्चो को साथ
हॉस्टल में तलाकशुदा और शादीशुदा महिलाएं अपने पांच साल तक का लड़का और 18 साल तक की लड़की को अपने साथ रख सकती हैं।
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छात्रावास में लागू होंगे यह नियम
- मर्यादित व्यवहार करना।
- मूल्यवान वस्तुओं को छात्रावास में न रखना।
-रात के आठ बजे तक हाजिरी लगाना।
- अतिथि कक्ष में अतिथियों से मिलने का समय सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक रहेगा।
- बीमारी की स्थिति और बीमारी ठीक न होने तक वार्डन को सूचित करना।
- बिना वार्डन को सूचित किए अनुपस्थित न रहना।
- साथी निवासियों और छात्रावास स्टॉफ के साथ उचित व्यवहार करना।
- महीना पूरा होने पर किराया जमा करवाना।
- पालतू जानवर न रखना।
- महिलाओं के बच्चों के लिए डे केयर और क्रेच की व्यवस्था।
- नियम का उल्लंघन करने पर पहले मौखिक चेतावनी, फिर लिखित चेतावनी और तीसरी बार छात्रावास से बाहर निकाल दिया जाएगा।
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