Lockdown: उत्तराखंड में फंसे बिहार के लोगों को लेकर श्रमिक स्पेशल ट्रेन मोतिहारी को रवाना
उत्तराखंड में फंसे बिहार के 1151 लोगों को लेकर शनिवार को श्रमिक स्पेशल ट्रेन मोतिहारी के लिए रवाना हुई।
देहरादून, जेएनएन। लॉकडाउन के कारण उत्तराखंड में फंसे बिहार के 1151 लोगों को लेकर शनिवार को श्रमिक स्पेशल ट्रेन मोतिहारी के लिए रवाना हुई। ट्रेन में अधिकांश श्रमिक शामिल थे। किसी भी यात्री से टिकट के पैसे नहीं लिए गए।
पुलिस चौकी और थानों में पंजीकृत यात्रियों को बन्नू स्कूल से टुकड़ियों में स्टेशन तक पहुंचाया गया। सभी के नाम और आधार कार्ड चेक करने के बाद शारीरिक दूरी का पालन करते हुए बोगियों में बैठाया गया। सभी बोगियां 12 बजे ही फुल हो गई थीं, लेकिन ट्रेन को तय समय पर एक बजे ही रवाना किया गया। आसरा ट्रस्ट के सहयोग से सभी यात्रियों को ट्रेन में बैठने से पहले भोजन किट, सैनिटाइजर और मास्क भी उपलब्ध कराए गए। इस दौरान स्टेशन निदेशक गणोश चंद ठाकुर, स्टेशन अधीक्षक एसडी डोभाल, आदि मौजूद रहे।
रेल कर्मियों को किया सैल्यूट
देहरादून रेलवे स्टेशन से श्रमिक स्पेशल ट्रेनों का संचालन किया जा रहा है। शनिवार को भी टीटीई लॉबी ने यात्रियों को टिकट मुहैया कराने से लेकर उन्हें ट्रेन में सीट तक पहुंचाया। इस सेवाभाव के लिए रेल कर्मियों को हर यात्री ने सैल्यूट किया।
नई दिल्ली जनशताब्दी एक्सप्रेस की सीटें फुल
देशभर में एक जून से चलने वाली स्पेशल ट्रेनों के संचालन की तैयारी हो रही है। देहरादून रेलवे स्टेशन से भी ट्रेनों का संचालन किया जाएगा। देहरादून ने दो ट्रेनों का संचालन होने जा रहा है। हालांकि एक जून को देहरादून-नई दिल्ली जनशताब्दी एक्सप्रेस का ही संचालन होगा। दो जून से देहरादून-काठगोदाम जनशताब्दी एक्सप्रेस की आवाजाही भी शुरू हो जाएगी। एक जून को रवाना होने वाली जनशताब्दी की की सभी सीटें फुल हो चुकी हैं।
रेलवे ने लॉकडाउन में एक जून से 200 स्पेशल ट्रेन चलाने की निर्णय किया है। इनमें देहरादून-नई दिल्ली जनशताब्दी और देहरादून-काठगोदाम जनशताब्दी एक्सप्रेस भी शामिल हैं। लेकिन देहरादून रेलवे स्टेशन से एक जून को सिर्फ देहरादून-नई दिल्ली जनशताब्दी एक्सप्रेस अपने तय समय सुबह पांच बजे रवाना होगी। देहरादून काठगोदाम जन शताब्दी सोमवार और बुधवार को छोड़कर सप्ताह में पांच दिन चलती है। ऐसे में यह ट्रेन एक जून को नहीं चलेगी।
कम यात्रियों के कारण नहीं चल रही स्पेशल ट्रेन
प्रदेश में अब प्रवासियों के वापस आने की संख्या में कमी आने लगी है। स्थिति यह है कि अब स्पेशल ट्रेनों को चलाने के लिए अपेक्षित संख्या में यात्री नहीं मिल पा रहे हैं। इस कारण अमृतसर, केरल, विशाखापट्नम आदि से ट्रेनें संचालित नहीं हो पा रही हैं। अभी तक दूसरे राज्यों से आने के लिए 262892 लोगों ने आवेदन किया है। इनमें से 181501 लोग वापस आए हैं।
शनिवार को पत्रकारों से बातचीत करते हुए मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने बताया कि अब प्रवासियों का वापस आना धीरे-धीरे कम हो रहा है। सरकार ने 23 मई को पंजीकृत किए गए 1.86 लोगों वापसी के संबंध में मैसेज भेजे थे। इनमें से 3012 लोगों ने ही इनका जवाब दिया था। इसके बाद 28 मई को 98 हजार लोगों को मैसेज भेजे गए। इनमें से भी तीन हजार लोगों ने ही वापस आने में रुचि दिखाते हुए मैसेज का जवाब दिया, जो भी वापस आना चाहते हैं सरकार उन्हें वापस लाने का काम कर रही है।
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उन्होंने बताया कि आने वाले दिनों में जयपुर, दिल्ली, गोवा, नासिक आदि शहरों से प्रवासियों को लेकर ट्रेन का आना प्रस्तावित है। इसके अलावा रविवार को देहरादून से बेतिया, बिहार के लिए ट्रेन चलाई जाएगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश में अभी दूसरे राज्यों से पैदल चल कर कोई नहीं पहुंचा है। कोई कहीं से आया है तो उसे वाहन के माध्यम से कैंप में रखा जा रहा है और स्वास्थ्य परीक्षण भी किया जा रहा है। इसके अलावा अभी तक प्रदेश के भीतर 138399 यात्री एक प्रदेश से दूसरे प्रदेश में पहुंचे हैं।
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