दिव्यांगों और बुजुर्गों को बड़ी राहत, अब हाथों-हाथ बनेंगे राशन कार्ड
दिव्यांगों और बुजुर्गों को बड़ी राहत दी है। इनके राशन कार्ड विभाग हाथों-हाथ बनाएगा। उन्हें राशन कार्ड बनवाने या इसमें कोई सुधार करवाने के लिए सामान्य कतार में खड़ा नहीं होना पड़ेगा।
By Edited By: Published: Sat, 25 Jan 2020 03:00 AM (IST)Updated: Sat, 25 Jan 2020 07:07 PM (IST)
देहरादून, जेएनएन। पूर्ति विभाग ने दिव्यांगों और बुजुर्गों को बड़ी राहत दी है। इनके राशन कार्ड विभाग हाथों-हाथ बनाएगा। उन्हें राशन कार्ड बनवाने या इसमें कोई सुधार करवाने के लिए सामान्य कतार में भी खड़ा नहीं होना पड़ेगा। विभाग ने उनके लिए अलग काउंटर भी बनवा दिए हैं।
पूर्ति विभाग ने दिव्यांग और बुजुर्गों को सुविधा देने के लिए नियमित काउंटर के पास ही दूसरे कमरे में अलग काउंटर बनवा दिए हैं। जिला पूर्ति अधिकारी जसवंत सिंह कंडारी ने बताया कि जिलाधिकारी सी रविशंकर के निर्देशों पर यह पहल की गई है। कंडारी ने कहा कि आम तौर पर युवा लोगों की भीड़ में बुजुर्ग पीछे रह जाते हैं। यही समस्या दिव्यांगों के साथ भी आती है। इससे निजात पाने के लिए विभाग ने यह व्यवस्था शुरू की है।
दिव्यांग और बुजुर्गों को बार-बार दफ्तर के चक्कर न काटने पड़ें, इसके लिए इनके राशन कार्ड संबंधी काम भी हाथों-हाथ करने के निर्देश दिए गए हैं। बताया कि विभाग में यह व्यवस्था लागू होने से उन्हें बड़ी राहत मिलेगी। राशन कार्डों का 61 फीसद सत्यापन जिला पूर्ति अधिकारी जसवंत सिंह कंडारी ने बताया कि दून जिले में 61 फीसद दुकानों के उपभोक्ताओं का सत्यापन का काम भी पूरा हो गया है। प्रदेश में लागू हो रहे स्मार्ट कार्ड के लिए यह सत्यापन किया जा रहा है। जिले में राशन की 1049 दुकानें हैं। जिनमें लगभग पौने चार लाख राशन कार्ड हैं। इन दुकानों से करीब 16 लाख यूनिट राशन बंटता है। 200 से ज्यादा दुकानों के पूरे कार्ड सत्यापित हो चुके हैं। वहीं, लगभग 300 दुकानों में करीब 50 फीसद सत्यापन हो चुका है।
उन्होंने राशन कार्ड धारकों से अपने राशन डीलरों से जल्द से जल्द सत्यापन करवाने की अपील की। कहा कि जितनी जल्दी सत्यापन होगा उतनी जल्दी ही स्मार्ट राशन कार्डो की छपाई का काम भी शुरू हो सकेगा। बताया कि नए स्मार्ट कार्ड नहीं आने तक वैकल्पिक व्यवस्था बनाई है, जिन उपभोक्ताओं ने आज तक राशन कार्ड नहीं बनवाया है, या जिनका राशन कार्ड खो गया है। ऐसे उपभोक्ताओं के लिए फिलहाल पुराने कार्ड बनाए जा रहे हैं।
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