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देहरादून में आठ साल बाद खुली भंडारीबाग रेलवे ओवर ब्रिज की राह, पढ़ि‍ए पूरी खबर

भंडारीबाग रेलवे ओवर ब्रिज का सपना मार्च 2013 में तब देखा गया था। तब रेलवे अंडर ब्रिज (आरयूबी) के रूप में इसका शिलान्यास किया गया था। हालांकि इसके बाद मामला खटाई में पड़ गया। करीब दो साल पहले दोबारा इसके निर्माण की कवायद शुरू की गई।

By Sunil NegiEdited By: Published: Thu, 29 Jul 2021 11:50 AM (IST)Updated: Thu, 29 Jul 2021 11:50 AM (IST)
देहरादून में आठ साल बाद खुली भंडारीबाग रेलवे ओवर ब्रिज की राह, पढ़ि‍ए पूरी खबर
देहरादून में आठ साल बाद खुली भंडारी बाग रेलवे ओवर ब्रिज की राह।

जागरण संवाददाता, देहरादून। भंडारीबाग रेलवे ओवर ब्रिज का सपना मार्च 2013 में तब देखा गया था, जब बल्लीवाला, बल्लूपुर व आइएसबीटी फ्लाईओवर का शिलान्यास किया गया था। तब रेलवे अंडर ब्रिज (आरयूबी) के रूप में इसका शिलान्यास किया गया था। हालांकि, इसके बाद मामला खटाई में पड़ गया। करीब दो साल पहले दोबारा इसके निर्माण की कवायद शुरू की गई। अथक प्रयास के बाद बुधवार को धर्मपुर क्षेत्र के विधायक विनोद चमोली ने ओवर ब्रिज का शिलान्यास कर दिया। आरओबी का निर्माण पूरा करने का लक्ष्य मार्च 2023 तक तय किया गया है। निर्माण करने वाली संस्था ईपीआइएल (इंजीनियरिंग प्रोजेक्ट्स इंडिया लि.) है और नोडल एंजेसी निर्माण खंड लोनिवि, देहरादून को बनाया गया है।

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बुधवार को आरओबी का शिलान्यास करते हुए विधायक चमोली ने कहा कि भाजपा सस्ती लोकप्रियता हासिल करने की जगह नियोजित विकास की तरफ ध्यान देती है। उन्होंने बताया कि हरिद्वार बाईपास रोड के चौड़ीकरण का टेंडर भी कर दिया गया है और अब कारगी रोड पर जलभराव की समस्या 80 फीसद तक दूर हो गई है। उन्होंने कहा कि भंडारी बाग रेलवे ओवर ब्रिज की परियोजना को लेकर कांग्रेस सरकार में सिर्फ लीपापोती की गई और भाजपा सरकार ने निरंतर प्रयास कर इसकी राह आसान की। उन्होंने नोडल एजेंसी लोनिवि को निर्देश दिए कि काम को गुणवत्ता के साथ समय पर पूरा कराया जाए।

इस अवसर पर लोनिवि के अधिशासी अभियंता राजेश कुमार, ईपीआइएल के परियोजना प्रबंधक अजीत कुमार, संदीप मुखर्जी, धर्मपाल रावत, आफताब आलम, सुशील गुप्ता आदि उपस्थित रहे।

यह होगा आरओबी का स्वरूप

आरओबी भंडारी बाग से शुरू होकर रेसकोर्स चौक के पास तक बनेगा। इसके बनने के बाद सहारनपुर रोड, प्रिंस चौक की तरफ वाहनों का दबाव कम होगा। खासकर वाहन चालकों को आढ़त बाजार के जाम से निजात मिल सकेगी।

परियोजना पर एक नजर

  • लंबाई, करीब 550 मीटर
  • लागत, 47.15 करोड़ रुपये (यूटिलिटी शिफ्टिंग सहित)
  • मूल लागत, 38.62 करोड़ रुपये
  • यूटिलिटी शिफ्टिंग, 4.53 करोड़ रुपये।

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