टेंडर स्थगित, एफसी को निदेशक का प्रभार
महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास विभाग में मानव संसाधन आपूर्ति के लिए आउट सोर्सिग एजेंसी के चयन को टेंडर प्रक्रिया में कथित अनियमितता की शिकायतों को देखते हुए टेंडर स्थगित कर दिया गया है।
राज्य ब्यूरो, देहरादून: महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास विभाग में मानव संसाधन आपूर्ति के लिए आउट सोर्सिग एजेंसी के चयन को टेंडर प्रक्रिया में कथित अनियमितता की शिकायतों को देखते हुए टेंडर स्थगित कर दिया गया है। विभागीय मंत्री रेखा आर्य ने पांच दिन पहले इसके आदेश दिए थे। वहीं, छुट्टी पर चल रहे विभाग के निदेशक वी.षणमुगम का प्रभार वित्त नियंत्रक (एफसी) संजीव कुमार सिंह को सौंप दिया गया है।
विभाग में आउट सोर्सिग एजेंसी के चयन के लिए टेंडर प्रक्रिया में कथित अनियमितता की आई शिकायतों के बाद विभागीय मंत्री रेखा आर्य ने इस संबंध में विभागीय निदेशक से पत्रावली तलब की थी। साथ ही 21 सितंबर को मंत्री ने टेंडर प्रक्रिया के साथ ही कार्यादेश निरस्त करने के आदेश दिए थे। इस बीच जब न तो विभागीय निदेशक से संपर्क हो पाया और न पत्रावली भेजी गई तो मंत्री ने निदेशक का पता लगाने के लिए पुलिस को पत्र भेज दिया था। तब से यह मामला निरंतर सुर्खियों में है।
इस बीच विभागीय सचिव के 22 सितंबर के आदेश के क्रम में निदेशक का कार्यभार वित्त नियंत्रक को सौंपा गया है। सचिव सौजन्या ने बताया कि विभागीय निदेशक शुक्रवार तक आकस्मिक अवकाश पर थे। ऐसे में दैनिक कार्याें के सुचारू संचालन के लिए उनका प्रभार दिया जाना था। इसी के तहत वित्त नियंत्रक को निदेशक का प्रभार सौंपा गया है और उनके द्वारा कार्यभार ग्रहण भी कर लिया गया।
निदेशक का कार्यभार संभालने वाले वित्त नियंत्रक संजीव कुमार सिंह ने आउट सोर्सिग एजेंसी के लिए टेंडर के लिए संपन्न की गई कार्यवाही को अग्रिम आदेशों तक स्थगित कर दिया है। 25 सितंबर को जारी आदेश में कहा गया है कि विभागीय मंत्री के निर्देशों के क्रम में यह कदम उठाया गया है। भविष्य में इस प्रकरण पर शासन के दिशा-निर्देशों के अनुरूप कार्यवाही की जाएगी।
हफ्तेभर में पूरी हो सकती है जांच
इस प्रकरण में विभागीय मंत्री और निदेशक के बीच चल रहे विवाद की शासन ने जांच शुरू कर दी है। मुख्यमंत्री के आदेशों के क्रम में मुख्य सचिव ने प्रकरण की जांच अपर मुख्य सचिव मनीषा पंवार को जांच सौंपी है। संपर्क करने पर अपर मुख्य सचिव पंवार ने बताया कि प्रकरण की जांच शुरू कर दी गई है। निदेशालय से पत्रावली तलब की गई है। यह सब जांच प्रक्रिया का हिस्सा है। उन्होंने बताया कि जल्द से जल्द जांच पूरी कर रिपोर्ट मुख्य सचिव को सौंपी जाएगी। उधर, माना जा रहा कि यह जांच हफ्तेभर में पूरी हो जाएगी।
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विभाग हटाने को लिखा पत्र
महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास विभाग के निदेशक वी.षणमुगम ने विभागीय मंत्री से चल रही तनातनी को देखते हुए उनसे यह विभाग हटाने की शासन से गुजारिश किए जाने की चर्चा है। बताया जा रहा कि इस संबंध में उन्होंने अपर मुख्य सचिव को पत्र भेजा है।