चोरी के लिए महिला के कान का पर्दा फाड़ा, आठ माह बाद मुकदमा; जानिए क्या है पूरा मामला
चंद रोज बाद अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस है। पुलिस अक्सर महिलाओं की सुरक्षा और उनके अधिकारों के प्रति बेहद संवेदनशील होने का दावा करती है। मगर धरातल पर इन दावों की हवा भी गाहे-बगाहे निकलती रहती है। एक बार फिर ऐसा ही हुआ है।
जागरण संवाददाता, देहरादून: चंद रोज बाद अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस है। पुलिस अक्सर महिलाओं की सुरक्षा और उनके अधिकारों के प्रति बेहद संवेदनशील होने का दावा करती है। मगर, धरातल पर इन दावों की हवा भी गाहे-बगाहे निकलती रहती है। एक बार फिर ऐसा ही हुआ है। इस बार कठघरे में दून के रायपुर थाना पुलिस की 'संवेदनशीलता ' है। आठ माह पहले चोरी करते रंगेहाथ पकड़े जाने पर आरोपितों ने एक महिला पर हमला कर उसके कान का पर्दा फाड़ दिया था।
महिला न्याय के लिए महीनों तक पुलिस चौकी और थाने में एडिय़ां रगड़ती रही। मगर, पुलिस ने आरोपितों पर कार्रवाई तो दूर की बात रही, उनके खिलाफ मुकदमा भी दर्ज नहीं किया। अब जाकर रविवार को न्यायालय के आदेश पर इस मामले में मुकदमा दर्ज किया गया है। पीडि़त महिला का नाम है किरन सिंह। वह परिवार समेत रायपुर के गुजरोवाली में रहती हैं। घर में ही उनकी किराना की दुकान है। किरन ने बताया कि नौ जून 2020 को उन्होंने दोपहर के समय दुकान का शटर गिरा दिया और बच्चों को खाना देने के लिए घर के अंदर चली गईं। कुछ देर बाद उन्हें दुकान का शटर खोले जाने की आवाज सुनाई दी। वह घर के भीतर से ही दुकान में पहुंचीं तो देखा कि क्षेत्र में ही रहने वाले अभिषेक और आयुष गल्ले से रुपये निकाल रहे हैं। वहीं, आरोपितों की मां बबली दुकान के बाहर खड़ी थी। किरन ने आरोपितों को रोकने की कोशिश की। इसपर पहले तो आरोपितों ने उन्हें पीटा। इसके बाद अभिषेक ने लोहे की पाइप से किरन पर वार कर दिया। पाइप किरन के दायें कान पर लगा। वह लहूलुहान होकर गिर पड़ीं। चीख-पुकार सुनकर पड़ोस में रहने वाले लोग भी मौके पर पहुंच गए। तब तक आरोपित गल्ले से रुपये चोरी कर भाग निकले। इसके बाद पीडि़ता ने पुलिस को सूचना दी।
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बालावाला चौकी से पुलिसकर्मी घटनास्थल पर तो पहुंचे, लेकिन किरन को मेडिकल कराने की सलाह देकर चलते बने। किरन ने मेडिकल कराया तो पता चला कि पाइप की चोट से कान का पर्दा फट गया है। मेडिकल करवाने के बाद वह पुलिस चौकी पहुंचीं, लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। इसके बाद आरोपित उन्हें धमकी देने लगे। इसके बावजूद पुलिस ने कोई कदम नहीं उठाया। पुलिस की कार्यशैली से आजिज आकर किरन ने अपनी और परिवार की सुरक्षा व आरोपितों पर कार्रवाई के लिए जनवरी 2021 में कोर्ट की शरण ली। 27 फरवरी (शनिवार) को कोर्ट ने उनकी फरियाद पर फैसला सुनाते हुए रायपुर थाना पुलिस को आरोपितों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर मामले की गंभीरता से जांच करने का आदेश दिया। थानाध्यक्ष रायपुर दिलबर सिंह नेगी ने बताया कि कोर्ट के आदेश पर आरोपित अभिषेक, उसके भाई आयुष और मां बबली निवासी नथुवावाला के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।
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