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कड़ाके की ठंड में बदला वन्य जीवों का डाइट चार्ट Dehradun News

कड़ाके की ठंड से इन्सान ही क्या वन्य जीवों का भी बुरा हाल है। ऐसे में वन्य जीवों के खानपान में भी बदलाव हो गया है। देहरादून जू में वन्य जीवों की डाइट का विशेष ख्याल जा रहा है।

By BhanuEdited By: Published: Wed, 08 Jan 2020 08:58 AM (IST)Updated: Wed, 08 Jan 2020 08:58 AM (IST)
कड़ाके की ठंड में बदला वन्य जीवों का डाइट चार्ट Dehradun News
कड़ाके की ठंड में बदला वन्य जीवों का डाइट चार्ट Dehradun News

देहरादून, जेएनएन। दून में कड़ाके की ठंड से इन्सान ही क्या वन्य जीवों का भी बुरा हाल है। ऐसे में वन्य जीवों के खानपान में भी बदलाव हो गया है। देहरादून जू में वन्य जीवों की डाइट का विशेष ख्याल रखा जा रहा है। उनके खानपान में बदलाव कर उन्हें ठंड के अनुसार ढाला जा रहा है। ऐसे में गुलदार की समेत हिरण, नील गाय और पक्षियों को विशेष आहार दिया जा रहा है।

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उत्तरखंड में सर्दी अपने चरम पर है। पहाड़ों में हुई बर्फबारी और मैदानों में बारिश से पूरा प्रदेश ठंड की चपेट में है। ऐसे में इन्सानों को तो दुश्वारियां झेलनी पड़ ही रही हैं, पशु-पक्षी भी सर्दी का सितम झेल रहे हैं। इसे देखते हुए देहरादून जू में वन्य जीवों के लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं। 

जहां एक ओर जीवों का डाइट चार्ट चेंज कर दिया गया है, वहीं उनके आसपास के वातावरण को भी अनुकूल बनाया जा रहा है। ठंड के उपाय कर जू प्रबंधन वन्य जीवों को राहत देने का प्रयास कर रहा है। हालांकि पिछले तीन दिन से हो रही बारिश ने वन्य जीवों का जन जीवन भी प्रभावित कर दिया है। वन्य जीव कोने में दुबके हुए हैं। उन्हें वहीं आहार परोसा जा रहा है। जबकि, जू के डॉक्टर भी वन्य जीवों का समय-समय पर स्वास्थ्य परीक्षण कर रहे हैं और अधिक ठंड से स्वास्थ्य पर पडऩे वाले प्रभाव पर नजर रखे हुए हैं।

वन्य जीवों को यह दिया जा रहा आहार

जू के निदेशक पीके पात्रों ने बताया कि ठंड के चलते हिरण और चीतल को ठंड से बचाने के लिए विशेष रूप से चना, खली, चोकर के साथ गुड़ मिलाकर खिलाया जा रहा है। जिससे उनका शरीर गरम रहे। साथ ही पेड़ों के नीचे दरी और पुआल भी बिछाई गई है। कछुओं के लिए भी यही व्यवस्था की गई है।

बंदरों की खुराक भी बढ़ा दी गई है ताकि शरीर में गर्माहट बनी रहे। गुलदार को पांच से छह किलोग्राम बकरी का मांस दिया जाता है, लेकिन इन दिनों उसे बीफ भी दिया जा रहा है। वहीं पक्षियों को भी ज्यादा मात्रा में मिनरल-विटामिन दिए जा रहे हैं।

शीत निद्रा में सांप और मगरमच्छ

ठंडे रक्त वाले जीव कड़ाके की ठंड के कारण शीत निद्रा में हैं। इनमें अजगर, सांप और मगरमच्छ शामिल हैं। हालांकि, इनके बाड़े में हीटर और ब्लोअर की व्यवस्था की गई है। इन दिनों ये जीव 10 से 15 दिन में आहार ग्रहण करते हैं। अधिकांश समय ये जीव सुप्त अवस्था में बिताते हैं।

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जू में ये प्रमुख जीव हैं मौजूद

गुलदार, हिरण, नील गाय, ईमू, ऑस्ट्रिच, टर्की, मगरमच्छ, कछुआ, विभिन्न प्रजाति के सांप, विभिन्न प्रजाति के पक्षी। 

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