Move to Jagran APP

उत्‍तराखंड में पीडीएस खपत की महज 18 फीसद हुई गेहूं खरीद

प्रदेश में चालू वर्ष में गेहूं खरीद के लक्ष्य और खरीद में चौड़ी खाई पट नहीं सकी। कुल दो लाख टन लक्ष्य की तुलना में गुरुवार तक 38 हजार टन से कुछ ज्यादा गेहूं खरीदा जा सका है।

By Edited By: Published: Fri, 26 Jun 2020 03:00 AM (IST)Updated: Fri, 26 Jun 2020 02:28 PM (IST)
उत्‍तराखंड में पीडीएस खपत की महज 18 फीसद हुई गेहूं खरीद
उत्‍तराखंड में पीडीएस खपत की महज 18 फीसद हुई गेहूं खरीद

देहरादून, रविंद्र बड़थ्वाल। प्रदेश में चालू वर्ष में गेहूं खरीद के लक्ष्य और खरीद में चौड़ी खाई पट नहीं सकी। कुल दो लाख टन लक्ष्य की तुलना में गुरुवार तक 38 हजार टन से कुछ ज्यादा गेहूं खरीदा जा सका है। अंतिम तिथि 30 जून तक गेहूं खरीद का यह आंकड़ा 39 हजार टन तक पहुंचने के आसार हैं। प्रदेश में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत होने वाली गेहूं की खपत की तुलना में इस वर्ष गेहूं खरीद 18 फीसद से कम रही है। 

loksabha election banner

 गेहूं उत्पादन के लिहाज से उत्तराखंड देश के बड़े प्रदेशों के आगे कहीं नहीं ठहरता। प्रदेश के कुल 13 जिलों में गेहूं खरीद का बड़ा दारोमदार ऊधमसिंहनगर पर है। इसके बाद हरिद्वार का स्थान है। हालांकि ऊधमसिंहनगर की तुलना में हरिद्वार की हिस्सेदारी काफी कम है। कुल खरीद में अकेले ऊधमसिंहनगर जिले की हिस्सेदारी 83 फीसद से ज्यादा है। ऊधमसिंहनगर जिले से गेहूं खरीद के लिए नामित एजेंसियों में खाद्य महकमे, सहकारिता महकमे और नेफेड ने 31592.30 टन गेहूं खरीदा है। हरिद्वार की भागीदारी 14.13 फीसद है। 

नैनीताल, देहरादून, चंपावत और पौड़ी जिले के मैदानी हिस्से ही कुल गेहूं खरीद में कुछ योगदान देते हैं। शेष पर्वतीय जिलों में गेहूं उत्पादन बेहद कम है। सार्वजनिक वितरण प्रणाली के लिए होने वाली गेहूं की खरीद और खपत में ही बड़ा अंतर है। उत्तराखंड को सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत अपनी खपत के लिए सालाना 2.20 लाख टन गेहूं की जरूरत है। इसी जरूरत को ध्यान में रखकर अक्सर खरीद का लक्ष्य दो लाख कुंतल के आसपास रखा भी जाता है। बावजूद इसके खपत की तुलना में खरीद एक चौथाई से भी काफी कम है। 

बीज व मिलों की वजह से ज्यादा दाम 

उत्तराखंड में गेहूं की कम खरीद के पीछे एक बड़ी वजह सीड प्लांट व फ्लोर मिल भी हैं। ऊधमसिंहनगर जिले में ही पंतनगर क्षेत्र में गेहूं बीज की गुणवत्ता अच्छी होने से किसानों को सरकार की ओर से घोषित न्यूनतम समर्थन मूल्य की तुलना में गेहूं के अच्छे दाम मिल जाते हैं। फ्लोर मिल भी किसानों से सीधे गेहूं खरीदती हैं। ऐसे में अपेक्षाकृत कम किसान ही सरकारी खरीद की ओर कदम बढ़ाते हैं। 

कोरोना काल में खरीद से शासन संतुष्ट 

इस बार कोविड-19 महामारी की वजह से गेहूं की खरीद करीब 15 दिन देरी से शुरू हुई। गेहूं खरीद के लिए प्रदेशभर में 230 केंद्र बनाए गए। कोरोना संक्रमण रोकने के लिए खरीद केंद्रों पर शारीरिक दूरी के मानकों का सख्ती से पालन कराया गया। तमाम एहतियात बरतने के बावजूद गेहूं खरीद की स्थिति से शासन संतुष्ट है। खाद्य सचिव सुशील कुमार का कहना है कि कोरोना संकटकाल में भी गेहूं खरीद प्रभावित नहीं हुई है। 

खाद्य और सहकारिता विभाग की ओर से गेहूं की खरीद (टन में) :

  • वर्ष----------------------------गेहूं
  • 2020------------------------39000 (30 जून तक अनुमानित)
  • 2019------------------------42495
  • 2018----------------------1,09000

2020 में एजेंसी की ओर से 25 जून तक हुई गेहूं खरीद:

  • एजेंसी----------------------------किसान----------------------------गेहूं
  • खाद्य विभाग---------------------873----------------------------6268
  • सहकारिता विभाग----------------3117---------------------------25965.25
  • नैफेड--------------------------------553----------------------------6686.30
  • कुल-------------------------------4543----------------------------38019.55

यह भी पढ़ें: उत्तराखंड के कार्डधारक अन्य प्रदेशों में ले सकेंगे राशन, पढ़िए पूरी खबर

2020 में जिलेवार गेहूं की खरीद (टन में)

  • जिला-------------------------किसान----------------------------गेहूं
  • चंपावत-------------------------71----------------------------165.8
  • देहरादून------------------------69----------------------------183
  • हरिद्वार----------------------1041----------------------------5375.06
  • नैनीताल------------------------227----------------------------684.89
  • पौड़ी----------------------------5----------------------------18.5
  • ऊधमसिंहनगर----------------3130---------------------------31592.30

यह भी पढ़ें: सहकारी समितियों से 50 हजार रुपये तक ले सकेंगे अंशदान


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.