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सूखते जलस्रोतों के पुनर्जीवन को चलेगी मुहिम

प्रदेश में सूखने की कगार पर पहुंचे 731 जल स्रोतों को पुनर्जीवन देने के लिए कोशिशें शुरू हो गई हैं।

By JagranEdited By: Published: Thu, 17 Jan 2019 10:52 PM (IST)Updated: Thu, 17 Jan 2019 10:52 PM (IST)
सूखते जलस्रोतों के पुनर्जीवन को चलेगी मुहिम
सूखते जलस्रोतों के पुनर्जीवन को चलेगी मुहिम

राज्य ब्यूरो, देहरादून

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प्रदेश में सूखने की कगार पर पहुंचे 731 जल स्रोतों को पुनर्जीवन देने के लिए कोशिशें शुरू हो गई हैं। इस कड़ी वन विभाग में गठित स्प्रिंग शेड वाटर मैनेजमेंट कमेटी की गुरुवार को हुई बैठक में पहले चरण में ऐसे जलस्रोतों को पुनर्जीवित करने का निर्णय लिया गया, जिनके इर्द-गिर्द बड़ी आबादी है। वन विभाग की ओर से इस मुहिम में 20 करोड़ की राशि खर्च की जाएगी।

वन मुख्यालय में हुई कमेटी की पहली बैठक में बताया गया कि जल संस्थान ने प्रदेशभर में 510 और वन विभाग ने वन क्षेत्रों में 221 जलस्रोत चिह्नित किए हैं। ये या तो सूख चुके हैं या फिर सूखने के कगार पर हैं। बैठक में निर्णय लिया गया कि मार्च तक सभी जल स्रोतों का चिह्नीकरण कराकर उनकी स्थिति पर रिपोर्ट तैयार कर इनके संव‌र्द्धन के लिए कार्ययोजना बनाई जाएगी।

तय हुआ कि जलस्रोतों को पुनर्जीवन देने के मद्देनजर इनके कैचमेंट एरिया के साथ ही इनके मूल स्रोतों पर फोकस किया जाएगा। सबसे पहले उन जलस्रोतों का पुनर्जीवीकरण किया जाएगा, जो आबादी के नजदीक हैं। इसमें विभिन्न विभागों व संस्थाओं के साथ ही स्थानीय नागरिकों का सहयोग भी लिया जाएगा।

अध्यक्षता करते हुए वन विभाग के मुखिया जयराज ने कहा कि इस पहल की शुरुआत में वन विभाग 20 करोड़ रुपये की राशि खर्च करेगा। उन्होंने कहा कि इसके लिए सभी घटकों को मिलकर काम करना होगा। आरक्षित वन क्षेत्रों में जल स्त्रोतों की पुनर्जीवन को तकनीकी पहलुओं पर भी फोकस किया जाएगा। बैठक में वन विभाग के ब्रांड एंबेसेडर जगत सिंह जंगली के अलावा विभिन्न विभागों और संस्थाओं के प्रतिनिधि मौजूद थे।


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