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बारिश से 11 गांवों के पेयजल लाइन क्षतिग्रस्त, ग्रामीण परेशान

साहिया जौनसार-बावर में बारिश से जगह-जगह पहाड़ दरक रहे हैं। भूस्खलन से गिरे बोल्डर से कई गांवों की पेयजल लाइनें टूट गई जिससे पेयजल की समस्या हो रही है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 23 Jul 2021 12:25 AM (IST)Updated: Fri, 23 Jul 2021 12:25 AM (IST)
बारिश से 11 गांवों के पेयजल लाइन क्षतिग्रस्त, ग्रामीण परेशान
बारिश से 11 गांवों के पेयजल लाइन क्षतिग्रस्त, ग्रामीण परेशान

संवाद सूत्र, साहिया: जौनसार-बावर में बारिश से जगह-जगह पहाड़ दरक रहे हैं। भूस्खलन से गिरे मलबे से रास्ते तो बाधित हो ही रहे हैं, पेयजल लाइनें भी क्षतिग्रस्त हो रही है। बारिश में हुए भूस्खलन से जौनसार के 11 गांवों और छानियों की पेयजल लाइनें क्षतिग्रस्त होने से हजारों की आबादी को पेयजल समस्या झेलनी पड़ रही है। ग्रामीण बरसात में खड्ड से पानी लाकर प्यास बुझा रहे हैं। उन्होंने तहसील प्रशासन से पेयजल लाइनें ठीक कराने की मांग की है।

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बरसात में भूस्खलन के कारण पेयजल लाइनें क्षतिग्रस्त होने से नेवी, साहिया बाजार, अलसी, कनबुआ, बोहरी, भंगोगी छानी, थेथेऊ, कोठा तारली, सुरेऊ भंजरा, सकनी, ककाडी आदि गांवों के ग्रामीण पेयजल संकट झेल रहे हैं। ग्रामीण संजय शर्मा, अमर सिंह चौहान, आलम पंवार, अनिल सिंह, पुरन तोमर, मातबर सिंह, महेंद्र सिंह आदि का कहना है कि ग्रामीण खुद ही आजकल दिन में प्लास्टिक के पाइप जोड़कर घरों तक पानी पहुंचाते हैं। रात को बारिश होते ही फिर लाइन टूट जाती है, जिसके चलते पेयजल समस्या ज्यों की त्यों है। ग्रामीणों ने कहा कि श्रमदान कर ग्रामीण कई बार लाइन को ठीक करने का प्रयास कर चुके हैं, लेकिन पेयजल स्त्रोत के चेंबर में मलबा भरने से फिर से पेयजल आपूर्ति ठप हो जाती है। बरसात में ग्रामीणों को खड्ड से पानी लाकर काम चलाना पड़ रहा है। ग्रामीणों ने तहसील प्रशासन से पेयजल लाइनें ठीक कराने की मांग की है। उधर, कालसी तहसीलदार रूप सिंह का कहना है कि जल संस्थान व संबधित अन्य विभागों को क्षतिग्रस्त लाइनों को ठीक करने के लिए कह दिया गया है, साथ ही विभागीय अधिकारियों को टैंकर आदि से आपूर्ति कराने को भी कहा गया है।


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