Move to Jagran APP

बेहतर ढंग से हो जल का प्रबंधन व उपयोग: मुख्यमंत्री

राज्य ब्यूरो, देहरादून मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बुधवार को सचिवालय में 'उत्तराखंड में व

By JagranEdited By: Published: Thu, 26 Apr 2018 03:00 AM (IST)Updated: Thu, 26 Apr 2018 03:00 AM (IST)
बेहतर ढंग से हो जल का प्रबंधन व उपयोग: मुख्यमंत्री
बेहतर ढंग से हो जल का प्रबंधन व उपयोग: मुख्यमंत्री

राज्य ब्यूरो, देहरादून

loksabha election banner

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बुधवार को सचिवालय में 'उत्तराखंड में वर्षा जल संचयन और भूजल पुनर्भरण को दिशा-निर्देश' पुस्तिका का विमोचन करते हुए कहा कि जल बहुमूल्य प्राकृतिक संसाधन है। इसका प्रबंधन और उपयोग बेहतर तरीके से करना बेहद जरूरी है। उन्होंने कहा कि भविष्य में पानी का संकट न हो, इसके लिए वाटर हार्वेस्टिंग के साथ ही वाटर कॉर्पस की दिशा में भी सोचना होगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जलस्रोतों का प्रवाह बना रहे, इसके लिए वर्षा जल संग्रहण पर ध्यान देना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि पानी की कमी दूर करने को सरकार प्रयासरत है। सूर्यधार झील, सौंग व जमरानी जैसे बांधों पर ध्यान दिया जा रहा है। इससे देहरादून व हल्द्वानी को ग्रेविटी का पानी मिलेगा, साथ ही भूजल का स्तर भी बना रहेगा।

उन्होंने कहा कि सभी को सोच में बदलाव लाते हुए दैनिक जल की आवश्यकता की आंशिक पूर्ति के लिए वर्षा जल संचय व उपयोग की तकनीक पर ध्यान देना होगा। साथ ही प्राकृतिक जल संसाधनों के संभरण की दिशा में सोचना होगा। मुख्यमंत्री ने दिशा-निर्देश पुस्तिका के व्यापक प्रचार पर बल देते हुए कहा कि इससे शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में लोग घरों में वर्षा जल संचय, भंडारण व उपयोग की रीति अपना सकेंगे।

इस अवसर पर राज्य योजना आयोग के सलाहकार एचपी उनियाल ने जल संचय पर प्रस्तुतीकरण दिया। कार्यक्रम में प्रमुख सचिव मनीषा पंवार, सचिव डॉ.भूपेंदर कौर औलख, अमित नेगी, आर.मीनाक्षी सुंदरम, राधिका झा, अरविंद सिंह ह्यांकी, डॉ.पंकज कुमार पांडेय आदि मौजूद थे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.