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दोगी के गांवों में बूंद-बूंद पानी के लिए मोहताज हुए ग्रामीण, पढ़िए पूरी खबर

गर्मियों का मौसम आते ही नरेंद्रनगर ब्लॉक की दोगी पट्टी के तमाम गांवों में पेयजल का संकट गहरा जाता है। इन दिनों एक बार फिर से दोगी पट्टी के डेढ़ दर्जन से अधिक गांवों में पानी के लिए हाहाकार मचा है।

By Sunil NegiEdited By: Published: Mon, 05 Apr 2021 01:31 PM (IST)Updated: Mon, 05 Apr 2021 05:45 PM (IST)
दोगी के गांवों में बूंद-बूंद पानी के लिए मोहताज हुए ग्रामीण, पढ़िए पूरी खबर
गर्मियों का मौसम आते ही नरेंद्रनगर ब्लॉक की दोगी पट्टी के तमाम गांवों में पेयजल का संकट गहरा जाता है।

जागरण संवाददाता, ऋषिकेश। गर्मियों का मौसम आते ही नरेंद्रनगर ब्लॉक की दोगी पट्टी के तमाम गांवों में पेयजल का संकट गहरा जाता है। इन दिनों एक बार फिर से दोगी पट्टी के डेढ़ दर्जन से अधिक गांवों में पानी के लिए हाहाकार मचा है। स्थिति इतनी विकट हो चली है कि ग्रामीणों को बूंद-बूंद पानी के लिए मोहताज होना पड़ रहा है। 

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दोगी के मझियाड़ी, मठियाली, पजैगांव, सिलकणी, वैराई गांव, नाई, क्यारी खाल, कुथ्या, तिमली, ससमण, मुंडाला, काकड़ सैंण, लोयल लोड़सी आदि गांवों में इन दिनों भारी पेयजल संकट है। गांवों में बिछी सरकारी पाइप लाइन पर एक बूंद भी पानी नहीं आ रहा है। गांवों से दूर कुछ पेयजल स्रोत हैं, जिन पर पानी उपलब्ध हैं, वह भी गर्मी बढ़ने के साथ अब जवाब देने लगे हैं। इन स्रोतों पर पानी लेने के लिए ग्रामीणों को कई-कई मील पैदल दूरी तय करनी पड़ रही है। दिन ही नहीं बल्कि रात को भी ग्रामीणों का अधिकांश समय पानी की व्यवस्था करने में बीत जाता है। 

इन गांवों में पेयजल की यह समस्या नई नहीं है। हर वर्ष गर्मी का मौसम शुरू होते ही गांवों में पानी का संकट खड़ा हो जाता है। मगर, जिम्मेदार विभाग है कि समय रहते कोई ठोस कदम नहीं उठाता है। स्थानीय नागरिकों का कहना है कि जब तक क्षेत्र में पेयजल की समस्या का समाधान नहीं हो जाता, तब तक कम से कम जिम्मेदार विभाग व प्रशासन टैंकर तथा अन्य माध्यम से तो पानी की व्यवस्था कर सकता है। 

तो क्या रेल सुरंगों के निर्माण से पानी के स्रोतों पर पड़ रहा असर 

दोगी पट्टी के जिस क्षेत्र में इन दिनों पेयजल का संकट बना हुआ है, उस क्षेत्र में ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन का काम भी जारी है। यहां भूमिगत व एडिट सुरंगों का निर्माण किया जा रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि रेल सुरंगों के लिए हो रही ब्लास्टिंग के कारण पारंपरिक जल स्रोतों का पानी बड़ी तेजी से कम हुआ है। हालांकि, इस संबंध में अभी तक काई तकनीकी रिपोर्ट सामने नहीं आई है। 

योजना से नहीं हुआ लाभ

दोगी पट्टी के गांवों में पेयजल आपूर्ति के लिए करीब दस वर्ष पूर्व पचास करोड़  की लगात से सूरजकुंड-रानीताल पंपिंग पेयजल योजना का गठन किया गया था। मगर, करोड़ों की यह पेयजल योजना भी ग्रामीणों के किसी काम नहीं आ रही है। पर्याप्त पानी न होने के कारण अधिकांश गांव इस योजना के लाभ से वंचित हैं। 

सरदार सिंह पुंडीर (केंद्रीय सचिव, उत्तराखंड क्रांति दल) ने कहा दोगी पट्टी के गांवों में इन दिनों पानी का संकट अत्याधिक बढ़ गया है। ग्रामीणों को पानी की बूंद-बूंद के लिए तरसना पड़ रहा है। सड़कों और रेल सुरंग के निर्माण के लिए हुई ब्लास्टिंग के कारण प्राकृतिक जल स्रोत भी सूख रहे हैं। इस संबंध में जिलाधिकारी टिहरी को जांच तथा कार्रवाई के लिए लिखा गया है। मगर, अभी तक न तो प्रशासन ने और ना ही जिम्मेदार विभाग ही समाधान के लिए आगे आया है। यही हाल रहा तो ग्रामीण आंदोलन को बाध्य होंगे।

युक्ता मिश्रा (उप जिलाधिकारी, नरेंद्रनगर) ने कहा कि दोगी क्षेत्र के गांवों में पेयजल की समस्या की जानकारी मिली है। इस संबंध में जल संस्थान के अधिकारियों को रोड हेड से लगे गांवों में टैंकर से वैकल्पिक व्यवस्था करने को कहा गया है। पेयजल योजना से आपूर्ति को लेकर यदि दिक्कत होगी तो उसे भी दूर किया जाएगा। 

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