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Kedarnath Dham: केदारनाथ में पुनर्जीवित होंगे आपदा की भेंट चढ़े कुंड, केंद्र ने जारी की एनओसी

Kedarnath Dham जून 2013 की आपदा की भेंट चढ़े कुंडों के पुनर्निर्माण को केंद्र सरकार ने अनापत्ति (एनओसी) जारी कर दी है।

By Edited By: Published: Sat, 25 Jul 2020 08:17 PM (IST)Updated: Sun, 26 Jul 2020 02:07 PM (IST)
Kedarnath Dham: केदारनाथ में पुनर्जीवित होंगे आपदा की भेंट चढ़े कुंड, केंद्र ने जारी की एनओसी
Kedarnath Dham: केदारनाथ में पुनर्जीवित होंगे आपदा की भेंट चढ़े कुंड, केंद्र ने जारी की एनओसी

देहरादून, राज्य ब्यूरो। केदारनाथ धाम में जून 2013 की आपदा की भेंट चढ़े कुंडों के पुनर्निर्माण को केंद्र सरकार ने अनापत्ति (एनओसी) जारी कर दी है। इन जल कुंडों के प्राचीन स्वरूप के अनुरूप भारतीय पुरातत्व विभाग इनका पुनर्निर्माण करेगा। 

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केदारनाथ में अमृत कुंड का पुनर्निर्माण होने पर इसके जल से बाबा केदार का पूर्व की भांति अभिषेक होगा। पर्यटन और संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने यह जानकारी दी। कुंडों के पुनर्निर्माण के मद्देनजर कार्यदायी संस्था ने तैयारियां भी पूरी कर ली हैं। कैबिनेट मंत्री महाराज के अनुसार हाल में उन्होंने केंद्रीय पर्यटन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) प्रह्लाद पटेल से मुलाकात में केदारनाथ में कुंडों के पुनर्निर्माण का मसला रखा था। केंद्रीय मंत्री को बताया गया कि 2013 की आपदा में केदारनाथ में अमृत कुंड, हंस कुंड, रेतस कुंड, हवन कुंड और उदक कुंड मलबे में दब गए थे। 
पारंपरिक और धार्मिक लिहाज से ये कुंड खासा महत्व रखते हैं। महाराज ने बताया कि केंद्रीय मंत्री ने इस मामले में शीघ्रता दिखाते हुए अनापत्ति देने के साथ ही सभी कुंडों के पुनर्निर्माण को स्वीकृति दे दी। भारतीय पुरातत्व विभाग को यह कार्य करना है। बरसात समाप्त होते ही कार्य प्रारंभ हो जाएगा। उन्होंने यह भी जानकारी दी कि देहरादून में इंस्टीट्यूट आफ होटल मैनेजमेंट को सेंट्रलाइज करने की प्रक्रिया चल रही है। 
प्रसाद में शामिल हो महाभारत सर्किट पर्यटन मंत्री महाराज ने केंद्र से महाभारत सर्किट को प्रसाद योजना में शामिल करने का आग्रह भी किया है। उन्होंने कहा कि लाखामंडल से लेकर केदारनाथ तक का क्षेत्र इस सर्किट में शामिल किया गया है। उन्होंने केंद्रीय पर्यटन मंत्री से आग्रह किया कि यदि प्रसाद योजना में इसे शामिल करते हुए धनराशि मिलती है तो मोटर कैरावान (टायरों के ऊपर चलता-फिरता कैंप) के जरिए पर्यटकों को पूरा सर्किट घुमाने का कार्य हो सकता है।

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