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परियोजना निदेशक व ग्रामीणों के बीच वार्ता बेनतीजा

संवाद सहयोगी डोईवाला प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत चयनित चांदी गांव के ग्रामीणों व जिला ग

By JagranEdited By: Published: Thu, 02 Dec 2021 01:29 AM (IST)Updated: Thu, 02 Dec 2021 01:29 AM (IST)
परियोजना निदेशक व ग्रामीणों के बीच वार्ता बेनतीजा
परियोजना निदेशक व ग्रामीणों के बीच वार्ता बेनतीजा

संवाद सहयोगी, डोईवाला: प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत चयनित चांदी गांव के ग्रामीणों व जिला ग्रामीण विकास एजेंसियां के परियोजना निदेशक के बीच बैठक बेनतीजा रही। बैठक में डीआरडीए की ओर से ग्राम पंचायत की भूमि पर ही योजना का लाभ देने की बात कही गई। लेकिन ग्रामीण वन विभाग के अधीन जियो टैग सर्वे वाली जमीन पर ही भवन बनाने की मांग पर अड़े रहे। डीआरडीए के अनुसार ग्रामीणों के इन्कार से योजना से बाहर किया जा सकता है।

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ग्राम पंचायत माजरी ग्रांट के चांडी गांव के 32 परिवार प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत चयनित हुए हैं। जिसमें से 21 परिवार को प्रथम किश्त के रूप में धनराशि भी बैंक खातों में प्राप्त हो गई है। इनमें कुछ परिवार ने आवास निर्माण शुरू कर दिया है। लेकिन, डीआरडीए की ओर से ग्रामीणों के बैंक खाते फ्रीज कर दिए गए है। कारण बताया गया कि जिस जमीन पर आवास बनाए जा रहे हैं। वह वन विभाग के अधीन है। इसलिए बिना वन विभाग के अनापत्ति प्रमाण पत्र के आवास निर्माण नहीं जा सकता है। इस पर ग्रामीणों ने आंदोलन शुरू कर दिया था। इस संबंध में बुधवार को बैठक हुई। इसमें डीआरडीए के परियोजना निदेशक ने ग्राम पंचायत की भूमि पर आवास बनाने पर ही योजना का लाभ देने की बात कही। इससे ग्रामीणों ने इन्कार कर दिया। ग्रामीणों ने कहा कि जहां पर ग्रामीण वर्तमान में निवास कर रहे हैं व जियो टैग सर्वे किया गया था। उसी स्थान पर ग्रामीणों को आवास योजना का लाभ दिया जाए। ग्रामीण दूसरी जगह पर योजना का लाभ नहीं लेंगे। वन विभाग अपनी भूमि पर आवास बनाने के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र दे दे तो ग्रामीणों को उनके निवास स्थान पर ही आवास योजना का लाभ मिल सकता है। इस संबंध में वन विभाग से पत्र व्यवहार किया जाएगा।

- अनिल पाल, ग्राम प्रधान, माजरी ग्रांट

लाभार्थियों का जहां पर जियो टैग सर्वे किया गया है, उसी स्थान पर योजना का लाभ दिया जाना चाहिए। जब इसी गांव में बिना वन विभाग की अनापत्ति के अन्य योजनाओं का लाभ ग्रामीणों को दिया गया है तो आवास योजना का लाभ देने में क्या दिक्कत है।

- रामचंद्र, उपप्रधान। ग्रामीण जहां निवास कर रहे हैं जियो टैग सर्वे वहीं हुआ था, परंतु उस समय वन भूमि का मामला संज्ञान में नहीं था। वन विभाग की आपत्ति के पश्चात ग्रामीणों को ग्राम पंचायत की भूमि में आवास योजना का लाभ लेने के लिए कहा जा रहा है। यदि ग्रामीण ग्राम पंचायत की भूमि पर योजना का लाभ लेने से इन्कार करते हैं। तो योजना की राशि वापस ले ली जाएगी।

- विक्रम सिंह, प्रोजेक्ट डायरेक्टर, डीआरडीए

ग्रामीणों की राय ली जा रही है जो ग्रामीण अन्यत्र ग्राम पंचायत की भूमि पर आवास बनाने के लिए तैयार नहीं है। उनके संबंध में शासन को लिखा जाएगा। शासन के निर्णय पर भी आगे की कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।

- बीएस नेगी खंड,विकास अधिकारी, डोईवाला।

आवास योजना के संबंध में किसी प्रकार की शिकायत विभाग के पास नहीं पहुंची है। विभाग की ओर से कहीं पर आपत्ति दर्ज नहीं की गई है।

- धीरज रावत, वन क्षेत्राधिकारी, बड़कोट रेंज।


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