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एनएच मुआवजा घोटालाः दो आइएएस के खिलाफ आरोप पत्र पर रहेगी नजर

एनएच-74 मुआवजा घपले में दो आइएएस अधिकारियों डॉ पंकज पांडे और चंद्रेश यादव के निलंबन मामले में अब आरोप पत्र पर नजरें गड़ी हैं।

By BhanuEdited By: Published: Sat, 15 Sep 2018 09:29 AM (IST)Updated: Sat, 15 Sep 2018 09:29 AM (IST)
एनएच मुआवजा घोटालाः दो आइएएस के खिलाफ आरोप पत्र पर रहेगी नजर
एनएच मुआवजा घोटालाः दो आइएएस के खिलाफ आरोप पत्र पर रहेगी नजर

देहरादून, [राज्य ब्यूरो]: एनएच-74 मुआवजा घपले में दो आइएएस अधिकारियों डॉ पंकज पांडे और चंद्रेश यादव के निलंबन मामले में अब आरोप पत्र पर नजरें गड़ी हैं। आरोप पत्र में साक्ष्य जनित आरोपों पर उक्त अधिकारियों को भी अपना पक्ष से मजबूती से रखना पड़ेगा। अन्यथा उन पर कानूनी शिकंजा और कस सकता है। 

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वहीं उक्त दोनों अधिकारियों ने आला आइएएस अधिकारियों से मुलाकात का सिलसिला जारी रखा। इसे आइएएस अधिकारियों और एसोसिएशन को गोलबंद करने की कवायद के तौर पर देखा जा रहा है। 

एनएच-74 मुआवला घपले में सरकार ने जीरो टॉलरेंस के अपने रुख को सख्ती के साथ फिर सामने रख दिया है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इस मामले में किसी भी दोषी को नहीं बख्शने के संकेत देकर नौकरशाहों में हलचल पैदा कर दी है। 

सरकार के इस कदम से आइएएस एसोसिएशन में भी मायूसी साफतौर पर दिखाई दे रही है। यह दीगर बात है कि सरकार के रुख को देखते हुए एसोसिएशन खुलकर दबाव बनाने से गुरेज कर रही है। वहीं उक्त दोनों आइएएस अधिकारी निलंबन के बाद शासन में कार्मिक महकमे से संबद्ध हैं। 

उन्होंने सचिवालय में वरिष्ठ आइएएस अधिकारियों से मुलाकात का सिलसिला जारी रखा। इन मुलाकातों में उक्त दोनों अधिकारी जिलाधिकारी और आर्बिट्रेटर के तौर पर लिए गए फैसलों का हवाला दे रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक इसे आइएएस अधिकारियों में लॉबिंग के तौर पर भी देखा जा रहा है। 

उक्त मामले में कार्मिक की ओर से आरोप पत्र को अंतिम रूप दिया जा रहा है। सरकार की ओर से जांच अधिकारी भी नामित किया जाना है। ऐसे में जांच अधिकारी और आरोप पत्र दोनों पर ही निगाहें टिक गई हैं।

आरोप पत्र एसआइटी जांच रिपोर्ट के साक्ष्यों के आधार पर तैयार किया जा रहा है। संपर्क करने पर मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने कहा कि आरोप पत्र को अगले हफ्ते तक अंतिम रूप देकर उक्त दोनों अधिकारियों को दिया जाएगा।

केंद्रीय जांच एजेंसियों के  नोडल अफसर होंगे नामित

प्रदेश में भ्रष्टाचार के मामलों में अब और तेजी से कार्रवाई होगी। केंद्रीय जांच एजेंसियों ने राज्य में अपने नोडल अधिकारी नामित करने पर सहमति दी है। साथ ही भ्रष्टाचार निवारण से संबंधित प्रकरणों में प्रगति की समीक्षा के लिए अपर मुख्य सचिव सतर्कता की अध्यक्षता में हर माह विचार-विमर्श को बैठक होगी। 

सचिवालय में सतर्कता विभाग सचिव नितेश झा की अध्यक्षता में केंद्रीय जांच एजेंसियों प्रवर्तन निदेशालय, सीबीआइ, आयकर विभाग एवं इंटेलीजेंस ब्यूरो और राज्य की जांच एजेंसियों सतर्कता अधिष्ठान, सीबीसीआइडी, अभिसूचना-सुरक्षा (एलआइयू) एवं एसटीएफ के प्रतिनिधियों के साथ विचार-विमर्श कर भ्रष्टाचार से संबंधित प्रकरणों में परस्पर सूचना का आदान-प्रदान करने को प्रत्येक जांच एजेंसी नोडल अधिकारी नामित करने पर सहमत हुई। 

राज्य में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 के प्रावधानों का अनुपालन करने और ऐसे प्रकरणों की प्रगति की समीक्षा के लिए हर महीने बैठक आयोजित की जाएगी।

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