डीआइजी गंभीर चौहान राष्ट्रपति पदक से सम्मानित
संवाद सूत्र त्यूणी/कालसी 73वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर जौनसार-बावर के बिसोई निवासी आइटीबी
संवाद सूत्र, त्यूणी/कालसी: 73वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर जौनसार-बावर के बिसोई निवासी आइटीबीपी में तैनात डीआइजी गंभीर सिंह चौहान को विभाग में सराहनीय कार्य के लिए राष्ट्रपति पदक से सम्मानित किया गया। इसके अलावा बावर क्षेत्र के वरिष्ठ अधिकारी अजबीर सिंह राणा को भारतीय भूविज्ञानिक सर्वेक्षण उत्तरी क्षेत्र लखनऊ की ओर से उत्कृष्ट योगदान के लिए पुरस्कार मिला। उनकी इस उपलब्धि पर क्षेत्रवासियों को नाज है।
जौनसार के खत बहलाड़ से जुड़े बिसोई गांव निवासी आइटीबीपी में उप महानिरीक्षक के पद पर तैनात गंभीर सिंह चौहान स्वतंत्रता संग्राम सैनानी केदार सिंह के परपौत्र हैं। ग्रामीण परिवेश में पले-बढ़े गंभीर चौहान की शुरुआती शिक्षा-दीक्षा नागथात में हुई। उन्होंने स्नातक की पढ़ाई डीबीएस कालेज देहरादून से की। इसके बाद उनका चयन वर्ष 1990 को आइटीबीपी में असिस्टेंट कमांडेंट के पद पर हुआ। विभाग के मसूरी स्थित अकादमी से बेसिक प्रशिक्षण लेने के बाद वह पंजाब, लद्दाख, उत्तराखंड, अरुणाचल प्रदेश, उड़ीसा व अन्य राज्यों में तैनात रहे। वर्ष 1998 में वह एसपीजी जैसे महत्वपूर्ण संस्थान में अपनी सेवाएं दे चुके हैं। वर्ष 2013 में उत्तराखंड के केदारघाटी में आई भीषण आपदा एवं जल प्रलय के समय उन्होंने आइटीबीपी के रेस्क्यू आपरेशन का कुशलता पूर्वक संचालन कर सैकड़ों व्यक्तियों की जान बचाने में अहम भूमिका निभाई।
इसके लिए उन्हें प्रधानमंत्री उत्कृष्ट सम्मान व राज्य सरकार की ओर से पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया। वर्ष 2017 में उन्हें आइटीबीपी दल के कमंाडर के रूप में अफ्रीका के कांगो में शांति मिशन के तहत सराहनीय कार्य करने पर यूएन मेडल अवार्ड से नवाजा गया। वर्तमान में वह नक्सल प्रभावित छत्तीसगढ़ में डीआइजी के पद पर तैनात हैं। बुधवार को गणतंत्र के मौके पर उन्हें भोपाल में आइटीबीपी के महानिरीक्षक संजीव रैना ने उत्कृष्ट सेवा एवं सराहनीय कार्य के लिए राष्ट्रपति पदक पुरस्कार देकर सम्मानित किया। इसके अलावा लखनऊ में तैनात बावर खत से जुड़े बास्तील गांव निवासी वरिष्ठ अधिकारी अजबीर सिंह राणा को राजकीय सेवा में उत्कृष्ट योगदान के लिए भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण उत्तरी क्षेत्र लखनऊ की डिप्टी डायरेक्टर जनरल एवं एचओडी वर्षा अशोक अग्रवाल ने पुरस्कार के रूप में प्रशस्ति देकर सम्मानित किया। इस तरह जौनसार के खाते में दो बड़ी उपलब्धि जुड़ गई। उनकी इस कामयाबी पर क्षेत्रवासियों ने खुशी जताई।