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उत्‍तराखंड में 1.90 लाख बच्चों के लिए वर्चुअल क्लासरूम का रास्ता साफ

उत्‍तराखंड में वर्चुअल क्लासरूम यानी स्मार्ट क्लासरूम या सूचना व संचार तकनीक (आइसीटी) लैब से भी आधुनिक तकनीक से पढ़ाई का रास्ता जल्द साफ होने जा रहा है।

By Edited By: Published: Thu, 14 Nov 2019 08:41 PM (IST)Updated: Fri, 15 Nov 2019 08:42 PM (IST)
उत्‍तराखंड में 1.90 लाख बच्चों के लिए वर्चुअल क्लासरूम का रास्ता साफ
उत्‍तराखंड में 1.90 लाख बच्चों के लिए वर्चुअल क्लासरूम का रास्ता साफ

देहरादून, राज्य ब्यूरो। प्रदेश में वर्चुअल क्लासरूम यानी स्मार्ट क्लासरूम या सूचना व संचार तकनीक (आइसीटी) लैब से भी आधुनिक तकनीक से पढ़ाई का रास्ता जल्द साफ होने जा रहा है। ये क्लासरूम दूरदराज के विद्यालयों में विषय अध्यापकों की कमी की समस्या से पढ़ाई के संकट को तो दूर करेंगे ही, साथ में इनके माध्यम से छात्र-छात्राएं बोर्ड परीक्षाओं, प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर सकेंगे। 500 सरकारी माध्यमिक विद्यालयों में वर्चुअल क्लासरूम संचालित करने के लिए चार केंद्रीयकृत स्टूडियो में दो बनकर तैयार हो गए हैं। ङ्क्षहदू नेशनल इंटर कॉलेज में स्टूडियो की स्थापना में पेच फंसने के बाद अब इन्हें राजीव गांधी नवोदय विद्यालय, तपोवन, नालापानी में स्थापित किया गया है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत 16 नवंबर को स्टूडियो और वर्चुअल क्लासरूम का उद्घाटन करेंगे। 

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वर्चुअल क्लासरूम कार्यक्रम समग्र शिक्षा अभियान के तहत आइसीटी योजना के तहत शुरू किया जा रहा है। इसमें सेटेलाइट इंटरेक्टिव टर्मिनल (एसआइटी) व रिसीव ओनली टर्मिनल (आरओटी) के माध्यम से टू-वे इंटरेक्टिव प्रणाली से दून में चार केंद्रीयकृत स्टूडियो से प्रदेश के 500 सरकारी माध्यमिक विद्यालयों को जोड़ा जाएगा। अभी दो स्टूडियो बन चुके हैं, जबकि दो स्टूडियो निर्माणाधीन हैं। इससे इन विद्यालयों में अध्ययनरत करीब 1.90 लाख छात्र-छात्राएं लाभान्वित होंगे। शिक्षा सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम ने बताया कि वर्चुअल क्लासरूम में छात्राएं प्रश्न पूछकर जिज्ञासाओं और कठिनाइयों का निदान हासिल कर सकेंगे। इसके माध्यम से छात्र-छात्राओं के साथ शिक्षकों, अभिभावकों और अन्य हितधारकों से सीधा संपर्क स्थापित कर वार्ता की जा सकेगी।

प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में मदद

उन्होंने बताया कि वर्चुअल क्लासरूम के माध्यम से हाईस्कूल व इंटर की बोर्ड परीक्षाओं,्र ज्वाइंटर एंट्रेस एग्जाम-जेईई, नेशनल एलिजिबिलिटी कम इंट्रेंस टेस्ट-एनईईटी, स्कॉलरशिप परीक्षा की तैयारी में भी छात्र-छात्राओं को मदद मिलेगी। छात्रों को विषय संबंधी कठिनाई का निदान मौके पर ही होगा। इस आधुनिक तकनीक से सभी विषयों की नियमित पढ़ाई व बच्चों के ज्ञान प्राप्ति स्तर में भी वृद्धि होगी। साथ ही परीक्षाफल में भी सुधार नजर आएगा। स्टूडियो और वर्चुअल लैब की स्थापना का कार्य टीसीएल कंपनी कर रही है। कंपनी के साथ इस संबंध में करार हो चुका है। इसके लिए कंपनी को 92 करोड़ दिए जाएंगे। कंपनी टू-वे संचार को लीज लाइन का बंदोबस्त कर चुकी है। 

वर्चुअल क्लासरूम 

  • वर्चुअल क्लासरूम में एक साल दो लेक्चर शुरू किए जाएंगे, दिनभर में 12 लेक्चर होंगे
  • एक साथ चार कक्षाओं की होगी पढ़ाई, जिन विद्यालयों में विषय अध्यापक नहीं हैं, उन विषयों की कक्षाएं होंगी नियमित संचालित
  • वर्चुअल क्लासरूम के माध्यम से छात्रों को कैरियर गाइडेंस भी दी जाएगी

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सूचना एवं संचार तकनीक परियोजना में वर्चुअल क्लासरूम की स्थापना को जिलेवार चयनित विद्यालयों की संख्या:

  • जिला------------विद्यालयों की संख्या
  • अल्मोड़ा------------52
  • बागेश्वर------------10
  • चमोली------------45
  • चंपावत------------15
  • देहरादून------------46
  • हरिद्वार------------10
  • नैनीताल------------61
  • पौड़ी------------82
  • पिथौरागढ़------------40
  • रुद्रप्रयाग------------21
  • टिहरी------------52
  • उधमसिंहनगर------------33
  • उत्तरकाशी------------33

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