Move to Jagran APP

इन्होंने खोला वन विभाग का भर्ती घोटाला, 32 हुए बर्खास्त; जानिए

ऋषिकेश निवासी विनोद कुमार मेडिकल स्टोर चलाते हैं। मगर सामाजिक जिम्मेदारियों के निर्वहन को उनका अधिकांश समय आरटीआइ के दस्तावेज खंगालने में बीतता है।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Sun, 20 Jan 2019 07:05 PM (IST)Updated: Sun, 20 Jan 2019 07:05 PM (IST)
इन्होंने खोला वन विभाग का भर्ती घोटाला, 32 हुए बर्खास्त; जानिए
इन्होंने खोला वन विभाग का भर्ती घोटाला, 32 हुए बर्खास्त; जानिए

देहरादून, जेएनएन। विनोद कुमार जैन उन आरटीआइ कार्यकर्ताओं में शुमार हैं, जिन्होंने सूचना के अधिकार को ही अपना मिशन बना लिया है। यही कारण है कि जीवनयापन के लिए ऋषिकेश निवासी विनोद कुमार मेडिकल स्टोर चलाते हैं, मगर सामाजिक जिम्मेदारियों के निर्वहन को उनका अधिकांश समय आरटीआइ के दस्तावेज खंगालने में बीतता है। समाज को देने की धुन का ही नतीजा है कि वह वन विभाग के अब तक के सबसे बड़े भर्ती घोटाले को खोलने में सफल रहे। जिसका नतीजा यह रहा कि फर्जी प्रमाण पत्रों पर नौकरी कर रहे, 32 लोगों को वह बर्खास्त किया गया। 

loksabha election banner

करीब 52 वर्ष के विनोद कुमार जैन वर्ष 2012 से पहले सामान्य व्यक्ति की तरह अपना जीवन निर्वहन कर रहे थे। उसी दौरान एक रोज जब वह राजाजी पार्क की चीला रेंज पहुंचे तो हाथियों के चारे की राशि को लेकर संदेह होने पर एक आरटीआइ लगाई। आरटीआइ की एक अर्जी से उन्होंने चारा घोटाला खोज निकाला। इसके बाद वह आरटीआइ के औजार से वन विभाग के घपलों को बाहर निकालते रहे। धीरे-धीरे उनकी पहुंच उन दस्तावेजों तक होने लगी, जिनमें वन कार्मिकों की फर्जी नियुक्तियों के राज थे। यह दस्तावेज सार्वजनिक हुए तो विभाग को 32 कार्मिकों को बर्खास्त करना पड़ा। जबकि वन विभाग में मजबूत पैठ रखने वाले वन संरक्षक को चार्जशीट भी मिली। 

आरटीआइ के आवेदनों से घपलेबाज अधिकारियों की नाक में दम करने वाले विनोद कुमार जैन को इसका खामियाजा भी भुगतना पड़ा। जैन का कहना है कि वर्ष 2016 में उन्हें वन विभाग के एक घोटाले के दस्तावेज लेने के लिए बुलाया गया और रिश्वत लेने के झूठे मुकदमे में फंसा दिया गया। तमाम धाराओं में उन पर मुकदमा दर्ज किया गया और जेल भी भेज दिया गया। हालांकि हाईकोर्ट ने उन्हें जमानत दे दी और अभी मामला लंबित चल रहा है। विनोद कुमार जैन का कहना है कि चाहे कुछ भी हो जाए, वह इसी लग्नशीलता से आरटीआइ लगाकर वन विभाग की अनियमितताओं को बाहर निकालते रहेंगे। 

यह भी पढ़ें: छात्रवृत्ति घोटाला: कार्रवाई के डर से अफसरों की उड़ी रातों की नींद

यह भी पढ़ें: गांधी पार्क के घोटाले की फाइल बगैर जांच दफन, जानिए पूरा मामला

यह भी पढ़ें: तो क्या छात्रवृत्ति के साथ पेंशन बांटने में भी हुआ है फर्जीवाड़ा, ये है पूरा मामला


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.