टिहरी जिले के इन गावों में वोट मांगने आने वाले दलों का विरोध करेंगे ग्रामीण
टिहरी जिले की नैनबाग तहसील के दो गांवों में करीब 30 साल से पेयजल समस्या बनी है। इससे आक्रोशित ग्रामीणों ने वोट मांगने आने वाले राजनीतिक दलों के विरोध का निर्णय लिया है। ग्रामीणों के अनुसार उनके समर्थन में छह और गांव के ग्रामीण भी राजनीतिक दलों का विरोध करेंगे।
संवाद सहयोगी, मसूरी: टिहरी जिले की नैनबाग तहसील के दो गांवों में करीब 30 साल से पेयजल समस्या बनी है। इससे आक्रोशित ग्रामीणों ने वोट मांगने आने वाले राजनीतिक दलों के विरोध का निर्णय लिया है। ग्रामीणों के अनुसार, उनके समर्थन में छह और गांव के ग्रामीण भी राजनीतिक दलों का विरोध करेंगे।
काण्डी तल्ली व मल्ली गांव के ग्रामीण अक्टूबर 1991 में आए विनाशकारी भूकंप के बाद से पेयजल की किल्लत से जूझ रहे हैं। भूकंप में क्षेत्र के जलस्रोत भूमिगत हो गए थे। पेयजल किल्लत के कारण गांवों से पलायन भी हो रहा है। ग्रामीणों ने वर्षा के पानी को एकत्र करने के लिए अपने घरों की छत पर टैंक बना रखे हैं। इस पानी को मवेशियों तथा कपड़े धोने के काम में लाते हैं, लेकिन बारिश का पानी भी कुछ ही दिन चल पाता है। गांव में खाने पीने के लिए एक टैंकर से पानी की सप्लाई होती है, वह भी सप्ताह में एक दिन ही आता है। गर्मियों में महिलाओं को पानी के बिना घर चलाना मुश्किल हो जाता है। मवेशियों को तो पानी मिल ही नहीं पाता है। पूर्व क्षेत्र पंचायत सदस्य कमल ङ्क्षसह रावत का कहना है कि तीस साल से सरकार से काण्डी गांव के लिए अगलाड या यमुना नदी पेयजल पंपिंग योजना स्वीकृत करने की मांग की जा रही हैं। जिसका दो बार सर्वे भी किया जा चुका है, लेकिन काम शुरू नहीं हो रहा है।
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काण्डी के प्रधान रामचंद्र सिंह रावत का कहना है कि अगर नवंबर अंत तक सरकार की ओर से काण्डी पंपिंग योजना को स्वीकृति नहीं मिलती है तो ग्रामीण प्रदर्शन शुरू करेंगे। काण्डी की क्षेत्र पंचायत सदस्य रेशमी राणा के प्रतिनिधि कन्हैया राणा का कहना है कि समर्थन में अठजूला के छह गांव भी हैं।
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