एएनएम की तैनाती से ग्रामीणों को मिली राहत
संवाद सूत्र, त्यूणी: तीन साल से बंद पड़े चकराता ब्लॉक क्षेत्र के बुरास्वा पंचायत में लाखों की लाग
संवाद सूत्र, त्यूणी: तीन साल से बंद पड़े चकराता ब्लॉक क्षेत्र के बुरास्वा पंचायत में लाखों की लागत से बने मातृ-शिशु कल्याण केंद्र के ताले खुलने से ग्रामीण जनता को बड़ी राहत मिली है। लंबे संघर्ष के बाद स्वास्थ्य विभाग ने यहां एएनएम की तैनाती की है। स्वास्थ्य उपकेंद्र में एएनएम की तैनाती होने से बुरास्वा व आसपास क्षेत्र की प्रसव पीड़िता को उपचार के लिए 33 किमी दूर सीएचसी चकराता की दौड़ नहीं लगानी पड़ेगी।
सरकार ने चकराता ब्लॉक के सुदूरवर्ती ग्रामीण जनता की स्वास्थ्य सुविधा को वर्ष 2006 में लाखों की लागत से बुरास्वा में मातृ-शिशु कल्याण केंद्र की स्थापना की। गांव में स्वास्थ्य कल्याण केंद्र खुलने से लोगों को कुछ समय तक घर के पास प्राथमिक उपचार मिला। लेकिन बाद में यहां तैनात एएनएम का स्थानांतरण हो गया जिससे केंद्र में ताले लटक गए। इसके बाद मातृ-शिशु कल्याण केंद्र बुरास्वा से जुड़ी तीन सौ से अधिक ग्रामीण आबादी को प्राथमिक उपचार के लिए 33 किमी दूर सीएचसी चकराता की दौड़ लगाने को मजबूर थे। स्वास्थ्य सेवा की कमी से सबसे ज्यादा प्रभावित गर्भवतियों व बच्चों का टीकाकरण प्रभावित रहा था। बीते दो साल से स्वास्थ्य केंद्र में एएनएम की तैनाती को संघर्ष कर रहे स्थानीय लोगों ने कुछ समय पहले भाजयुमो चकराता मंडल अध्यक्ष नरेश रावत की अगुवाई में विकासनगर विधायक मुन्ना ¨सह चौहान व पूर्व अध्यक्ष जिपं मधु चौहान से मुलाकात कर उन्हें जनता की परेशानी बताई। इसके बाद बुरास्वा में तीन साल से बंद पड़े मातृ-शिशु कल्याण केंद्र में हाल के दिनों में नई एएनएम की तैनाती होने से लोगों को बड़ी राहत मिली। स्थानीय नरेश रावत, सुभाष रावत, रणवीर ¨सह, रमेश रावत, जगत ¨सह, किशन ¨सह व दौलत ¨सह ने कहा केंद्र में एएनएम की तैनाती होने से प्रसव पीड़िता को डिलीवरी कराने व बच्चों के टीकाकरण के लिए चकराता अस्पताल के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे।